गोरखपुर. प्रॉपर्टी डीलर की गला रेतकर हत्या के मामले में पुलिस ने 24 घंटे के भीतर ही खुलासा कर चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि मुख्य आरोपी अभी फरार है. चौरीचौरा इलाके के बेलवा बाबू में 19 अक्टूबर को दोपहर अज्ञात युवक की लाश मिली थी. उसकी पहचान चिलुआताल के संझाई नूरुद्दीन चक निवासी प्रॉपर्टी डीलर इंद्रासन और मंटू 37 के रूप में हुई थी. 15 लाख रुपए बकाया मांगने का दबाव बनाने पर प्रॉपर्टी डीलर की हत्या की गई थी.


इस वजह से हुई हत्या


गोरखपुर के पुलिस लाइन स्थित व्हाइट हाउस में एसपी नॉर्थ अरविंद कुमार पांडे ने घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि 15 लाख रुपए बकाया वापस लौटाने का दबाव बनाने पर प्रॉपर्टी डीलर इंद्रासन उर्फ मंटू 37 वर्ष की गला रेत कर हत्या उसके परिचितों ने ही योजनाबद्ध तरीके से की थी. उन्होंने बताया कि इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनकी पहचान गुलरिहा के बेलवा रायपुर पोखरा टोला वर्तमान पता एचएन सिंह चौराहा मंझा टोला शाहपुर के रहने वाले रमेश उर्फ रोशन, पिपराइच के महमूदाबाद के संकेश कुमार और रफीक के अलावा पिपराइच के नवाचार निवासी प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया है.


हालांकि, मुख्य आरोपी कन्हैया उर्फ कन्हैया अभी फरार है. चारों आरोपियों की गिरफ्तारी पिपराइच रोड के सोनबरसा बाजार से हुई है. पुलिस ने इनके पास से दो अदद एटीएम कार्ड, एक अदद आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, गले की चेन जो मृतक इंद्रासन उर्फ मंटू की है. घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट डिजायर कार जो मृतक की है. घटना में प्रयुक्त एक अदद मोटरसाइकिल बरामद की है. पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 201 और 120 बी के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है.


एसपी नॉर्थ अरविंद पांडे ने बताया कि 19 अक्टूबर की दोपहर चौरीचौरा के बेलवा बाबू में अज्ञात युवक का शव लक्ष्मी गुप्ता के खेत में मिला था. इसी बीच चिलुआताल पुलिस ने चौरी चोरा पुलिस को इंद्रासन उर्फ मंटू 37 वर्ष के लापता होने की सूचना दी थी. मृतक की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी. एसपी नॉर्थ ने बताया कि इंद्रासन के पिता रामा निषाद, ससुर राजेंद्र प्रसाद, धर्मेंद्र कुमार, रामचंद्र निषाद और ओमप्रकाश ने मृतक की शिनाख्त की थी.


इस तरह की गई हत्या


एसपी नॉर्थ ने बताया कि इंद्रासन उर्फ मंटू प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते रहे हैं. 18 अक्टूबर को शाम 5:00 से 6:00 के बीच घर पर बता कर गए कि कन्हैया के पास बकाया रुपया लेने जा रहे हैं. उन्होंने बुलाया है. कन्हैया मोहरीपुर में किराए का कमरा लेकर रहता रहा है. उसकी महाराजगंज जिले के नौतनवा में शिवम मार्बल के नाम से टाइल्स की दुकान है.


एसपी नार्थ अरविंद पांडे ने बताया कि देर रात तक जब इंद्रासन नहीं लौटे तो चिलुआताल थाने में परिवारवालों ने गुमशुदगी दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि गुलरिया थाना क्षेत्र के बेलवा रायपुर पोखरा टोला वर्तमान पता एचएन सिंह चौराहा मंझा टोला शाहपुर का रहने वाला कन्हैया उर्फ कन्‍हई की नौतनवां जिला महराजगंज में शिवम मार्बल्स के नाम से टाइल्स की दुकान है. इंद्रासन 15 लाख रुपए का टाइल्स कन्हैया को उधार में दिलवाया था. इंद्रासन बार-बार 15 लाख रुपए बकाया वापस लौटाने के लिए दबाव बना रहा था. कन्हैया ने प्लान के तहत 18 अक्टूबर की शाम 5:00 से 6:00 के बीच इंद्रासन को बुलाया.


उसने बताया कि रुपए नौतनवां में ही मिलेंगे. स्विफ्ट डिजायर कार से कन्हैया को लेकर इंद्रासन नौतनवा गए. सह अभियुक्त रमेश, रफीक और संकेश मोटरसाइकिल से नौतनवां पहुंचे. यहां पर बातचीत कर 10:00 बजे तक इंद्रासन को रोका गया. कन्हैया और रमेश ने इंद्रासन के साथ शराब पी और खाना खाए. 10:30 बजे उसी कार से सभी वापस लौटने लगे. मंटू कार चला रहा था. रमेश आगे और कन्हैया पीछे बैठ गया. शहर आने के बाद संकेश भी कार में बैठ गया. रफीक योजनाबद्ध तरीके से कार के पीछे लगा रहा. शहर पहुंचने के बाद कन्हैया ने इंद्रासन से कहा कि रुपए चौरीचौरा में रखे हैं. वहीं चलना पड़ेगा.


कार से ही सभी चौरीचौरा की ओर जाने लगे. चौरी चोरा क्षेत्र में सराया जगदीशपुर रोड पर चलते हुए वीरान सड़क पर पहुंच गए. अचानक कार में पीछे बैठे कन्हैया और संकेश कार चला रहे हैं प्रॉपर्टी डीलर इंद्रासन का गला कस दिया और आगे बैठे रमेश ने हाथ पकड़ लिया और स्टेरिंग को काबू कर कार बंद कर दी. इंद्रासन को बगल की खेत में फेंककर कन्हैया ने चाकू से उसका गला काट दिया. उसके बाद गोरखपुर शहर आकर गुलरिया क्षेत्र में कार को छोड़कर कन्हैया के अलावा सभी लोग अपने घर चले गए. कन्हैया के व्यवसायिक सहयोगी और उसके मित्र प्रवीण कुमार ने सुरक्षित अपनी मोटरसाइकिल से वापस नौतनवां ले गया और उसकी छुपने में मदद की है. दोनों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है.


ये भी पढ़ें.


यूं ही नहीं हैं पार्टी के बड़े स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जहां गये वहां नैया पार लगी, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट