शामली: तहसील पर धरना प्रदर्शन के लिए जा रहे सपाइयों को पुलिस ने रोका, जानें- फिर क्या हुआ
यूपी के शामिली जिलें में सपा कार्यकर्ता प्रदर्शन करते इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक दिया. सपाइयों ने पुलिस प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने के आरोप लगाए.
Samajwadi Party Protest in Shamli: जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हुई धांधली, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं की तरफ से तहसील में धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया जाना था. लेकिन, तहसील में पहुंचने से पहले ही पुलिस ने सपाइयों को तहसील मुख्यालय पर जाने से रोक दिया. बाद में एसडीएम और सीओ ने मौके पर पहुंचकर ज्ञापन लिया. सपाइयों ने पुलिस प्रशासन पर सरकार के दबाव में काम करने के आरोप लगाए.
सूचना पर पहुंची पुलिस
सपा हाईकमान के निर्देश पर तहसील मुख्यालयों पर कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करना था. जिसके तहत सुबह 11 बजे सैकड़ों सपा कार्यकर्ता मोहल्ला आलकला स्थित डॉ सत्यपाल सिंह कश्यप के आवास पर इकट्ठा होने थे. इसके बाद तहसील मुख्यालय पर जाकर धरना प्रदर्शन करने की योजना थी. डॉ सत्यपाल सिंह कश्यप और कुछ कार्यकर्ता ही इकट्ठा हो पाए थे कि तभी सपाइयों के धरना प्रदर्शन की सूचना पर कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर राणा भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए.
सपाइयों ने सौंपा ज्ञापन
सीओ कार्यालय के सामने सपाइयों को तहसील में जाने से रोक दिया गया. कुछ देर बाद सीओ कार्यालय पर एसडीएम उद्भव त्रिपाठी और सीओ जितेंद्र कुमार पहुंचे. जिसके बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में मात्र 3 से 4 सपा कार्यकर्ताओं ने ही राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन एसडीएम को सौंपा.
ज्ञापन में की गई ये मांग
ज्ञापन में मांग की गई है कि किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिया जाए और एमएसपी पर कानून बनाया जाए, साथ ही प्रदेश में किसानों के गन्ने का करीब 15 करोड़ रुपए का तत्काल भुगतान कराया जाए. कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और डीजल-पेट्रोल, रसोई गैस, खाद बीज पर बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए.
ज्ञापन में मांग की गई कि बेरोजगार नौजवानों को रोजगार दिलाया जाए. उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए. महिलाओं के साथ हो रहे अपराध पर रोक लगाई जाएं, सपा कार्यकर्ताओं के ऊपर फर्जी मुकदमे दर्ज करना तत्काल बंद किया जाए. उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को तत्काल दुरुस्त किया जाए. बढ़ते भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए.
ज्ञापन में ये भी मांग की गई कि पिछले दिनों कोरोना काल में सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए. जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हुई धांधली, हिंसा की जांच कराई जाएं. जांच में दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी से कड़ी करार्रवाई की जाए और दोबारा मतदान कराया जाए. पिछड़े वर्ग को अनुमन्य 27 प्रतिशत आरक्षण में कटौती बंद हो.
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