कौशांबी, एबीपी गंगा। कौशांबी के बरौली गांव में छू कर इलाज करने के मामले में अंधविश्वास फैलाने के आरोप में सराय अकिल पुलिस ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। ताजा कार्रवाई करते हुए 6 साल के मासूम गोलू के पिता राजू व तीन चाचा चंदन, हीरालाल, राधेश्याम समेत 10-12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। 20 दिनों से जारी अंधविश्वास के गोरखधंधे को जब एबीपी गंगा ने खबर चला कर खुलासा किया तब जाकर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियो की नींद टूटी थी। कौशांबी पुलिस की अब तक हुयी कार्रवाई में सराय अकिल पुलिस थाने की पुलिस ने अंधविश्वास का गोरखधंधा चलाने वाले बच्चे गोलू के पिता और रिश्तेदारों पर ही मुकद्दमा दर्ज कर अपने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। जब हमने इस मामले में अंधविश्वास को बढ़ावा देने का बयान देने वाले स्थानीय विधायक व बवर्दी खुद का इलाज कराने वाले सदर कोतवाल पर कार्रवाई के बाबत सवाल किया तो सर्किल अफसर सच्चिदानंद पाठक ने इसकी जानकारी होने से इंकार करते नजर आये।
6 साल के मासूम बच्चे गोलू को गोलू बाबा बना कर अंधविश्वास की दुकान चलाने वाले अब कानूनी कार्रवाई की जद में आ चुके हैं। एबीपी गंगा की खबर के बाद हरकत में आये कौशाम्बी के अफसरों ने न सिर्फ अंधविश्वास की दुकान बंद करा दी है बल्कि उन लोगों पर आईपीसी की धारा 420, 508 के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है जो मासूम बच्चे गोलू का बचपन छीन उसकी सेल लगाने पर आमादा थे। सराय अकिल पुलिस की इस कदम से ये तो साफ हो गया है कि पुलिस अब किसी भी हालत में अंधविश्वास को बढ़ावा देने के मूड में नहीं है लेकिन पुलिस की कार्रवाई एक पक्षीय होने के कारण उसकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे है।
सर्किल अफसर क्राइम सच्चिदानंद पाठक के मुताबिक सराय अकिल के बेरूई गांव वह खुद एसपी कौशाम्बी के साथ गए थे लोगों को समझाकर वहां से हटाया गया। कार्रवाई के बाबत सराय अकिल पुलिस ने अन्धविश्वास को बढ़ावा देने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि अंधविश्वास को बतौर जनप्रतिनिधि बीजेपी विधायक द्वारा बयान देकर व् पुलिस अधिकारी सदर कोतवाल के द्वारा खुद का इलाज कराने के सवाल पर उन्होंने पूरे मामले से ही पल्ला झाड़ते हुए जानकारी होने से ही इंकार कर दिया।