प्रयागराज: माफिया डॉन के तौर पर बदनाम पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद पर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. जेल में रहते हुए प्रयागराज के प्रॉपर्टी डीलर को फोन पर धमकाने और उससे रंगदारी वसूलने के मामले में अतीक के नामजद गुर्गों की तलाश में पुलिस जहां लगातार छापेमारी कर रही है तो वहीं धमकाने वाले ऑडियो की फॉरेंसिक जांच कराए जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. इतना ही नहीं पुलिस ने गुजरात पुलिस के अफसरों को चिट्ठी भेजकर अतीक पर जेल में और शिकंजा कसे जाने की सिफारिश की है.
गुजरात के अफसरों को भेजी गई चिट्ठी में कहा गया है कि अतीक अहमद इतना शातिर है कि वह जेल में रहकर भी तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देता रहता है. वह जेल में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है और फोन से ही अपने गुर्गों को जरूरी दिशा निर्देश देता रहता है, इसलिए अहमदाबाद जेल में बंद अतीक पर सख्ती बरतते हुए उसकी निगरानी बेहद जरूरी है. उसे किसी भी कीमत पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करने देना चाहिए. कहा जा सकता है कि कानपुर के विकास दुबे के अपराधों का किला ढहाने के बाद यूपी की योगी सरकार अब अतीक समेत दूसरे माफियाओं पर अपना शिकंजा कसने लगी है.
गौरतलब है कि, प्रयागराज के प्रॉपर्टी डीलर मोहम्मद जैद ने डेढ़ साल पहले अतीक और उसके गुर्गों के खिलाफ अपहरण कर देवरिया जेल ले जाने और वहां मारपीट किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि अतीक के गुर्गे अगवा करने के बाद उसे देवरिया जेल में अतीक के पास ले गए थे. वहां अतीक ने उसकी पिटाई की थी. जैद ने ही तीन दिन पहले शहर के धूमनगंज पुलिस स्टेशन में अतीक और उसके चार गुर्गों के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कराई है.
जैद ने आरोप लगाया है कि तकरीबन आठ महीने पहले अतीक के चार गुर्गों ने फिर से उसका अपहरण किया था और किसी सुनसान जगह ले जाकर अहमदाबाद जेल में बंद अतीक से फोन पर बात कराई. अतीक ने गाली गलौच करते हुए उसे धमकियां दीं और पंद्रह लाख रूपये की रंगदारी मांगी. रंगदारी न देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई. इसके अलावा डेढ़ साल पहले दर्ज कराई गई एफआईआर वापस लेने को भी कहा गया.
जैद के मुताबिक डर की वजह से वह आठ महीनों में पुलिस में शिकायत नहीं कर सका था. इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है. अतीक फिलहाल अहमदाबाद जेल में बंद है, लेकिन इस मामले में नामजद हुए उसके चारों गुर्गों की गिरफ्तारी के लिए अफसरों ने सिविल पुलिस और क्राइम ब्रांच की कई टीम गठित कर दी है. ये टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. धमकी के ऑडियो की फॉरेंसिक जांच के लिए उसे लैब में भेजा रहा है तो साथ ही गुजरात के अफसरों से अतीक पर और शिकंजा कसने की सिफारिश की गई है.
कानपुर की घटना के बाद योगी सरकार अतीक और दूसरे माफियाओं पर लगातार शिकंजा कस रही है. पिछले बीस दिनों में अतीक के भाई अशरफ को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. उसके निरस्त हुए दो असलहों को दफ्तर से ही बरामद किया गया. हफ्ते भर पहले अतीक के सात करीबियों के असलहों के लाइसेंस निरस्त किए गए और अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
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