आगरा: कमीशन खोरी का दीमक कैसे सिस्टम को खोखला कर रहा है, इसकी बानगी हाल ही में हुए मुरादनगर हादसे मे देखने को मिली थी. जहां श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे के बाद यूपी में कई सरकारी इमारतों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
आगरा में सरकारी इमारतों का हाल जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम ने रियलिटी चेक किया. हमारी टीम ने पुलिस क्लब स्थित पुलिसकर्मियों की इमारतों का जायजा लिया. यहां मौजूद इमारतों में कई तरह की खामियां साफ दिखाई दी. छत से लेकर प्लास्टर उखड़ा हुआ है. सरिया छतों और दीवारों से बाहर निकल रहा है. जगह-जगह ईंटें भी निकल रही हैं. इन्हीं डर और खौफ के साए के बीच तमाम पुलिसकर्मी रहने को मजबूर हैं. बच्चे भी इन्हीं टूटी-फूटी जर्जर दीवारों और छत के नीचे खेलते हुए मिले. जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिसकर्मी किसी भी समय हादसे का शिकार हो सकते हैं.
क्या बोले एसएसपी
वहीं, आगरा एसएसपी बबलू कुमार ने कहा कि थाना स्तर पुलिस लाइन और पुलिसकर्मियों के भवनों का निरीक्षण करा रहे हैं. जर्जर भवनों की मरम्मत कराई जा रही है. एसएसपी के मुताबिक अब तक सात इमारतों की नीलामी की जा चुकी है. सभी थाना प्रभारियों, आरआई और एएसपी लाइन को निर्देशित किया गया है एक वह रिपोर्ट बनाकर उनको सौंपे. साथ ही बहुत ही ज्यादा जर्जर भवनों को खाली कराकर उनमें रहने वाले पुलिस स्टाफ को नए निर्मित भवनों में शिफ्ट करा दें.
बता दें कि हाल ही में मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई है. हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह सरकारी भवनों का सेफ्टी ऑडिट कराएं.
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