नई दिल्ली: उत्तराखंड के नेतृत्व को लेकर बीजेपी की अहम बैठक चल रही है. इसे लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात हुई है. खबरों के मुताबिक उत्तराखंड के पर्यवेक्षकों ने फ़ैसले लेने की लोकतांत्रिक व्यवस्था चरमराने और विधायकों में नाराज़गी की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दी है.
बीजेपी की बैठक में पर्यवेक्षक दुष्यंत गौतम और संगठन मंत्री बीएल संतोष भी शामिल हुए हैं. कोर ग्रुप के सदस्यों की ओर से उठाए गए मुद्दों को विस्तार से रिपोर्ट में बताया गया है. मुख्यमंत्री को लेकर चुनाव में जाने पर पार्टी को भारी नुक़सान की आशंका रिपोर्ट में जताई गयी है.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी ने उत्तराखंड के विधायकों को भी दिल्ली बुलाया है. अगर त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाया जाता है तो ऐसे में नए सीएम की रेस में अजय भट्ट और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है.
ये है पूरा मामला
दरअसल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ पार्टी और विधानमंडल दल में बगावत जैसा संकट गहरा गया है. मंत्री और विधायक लम्बे समय से पिछले तीन साल से आरोप लगा रहे हैं कि अफसरशाही जन प्रतिनिधियों की नहीं सुनती और विधायकों का सम्मान भी नहीं मिल रहा है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के अलावा विधायक केंद्रीय नेतृत्व को दिल्ली जाकर कई बार अपना दुखड़ा बता चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
जब सुनवाई नहीं हुई तो असंतुष्ट मंत्रियों और विधायकों ने परेशान होकर मई या जून माह में सामूहिक रूप से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने की योजना बनाई तो केंद्रीय हाई कमान सोचने के लिए विवश हो गया. इस तूफ़ान को थामने के लिए अचानक कोर कमेटी की बैठक बुलाकर पर्यवेक्षक के रूप में रमन सिंह को भेजा गया. अब इस तूफ़ान को थामने के लिए आज दिल्ली में जद्दोजहद जारी है.
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