UP Election 2022: जहां पानी की दो या दो से अधिक धाराएं मिल रही होती हैं उस जगह को संगम कहते हैं. प्रयागराज भी शिक्षा, धार्मिक संस्कृति और सियासत के कई धाराओं का मिलन स्थल है. 10 मार्च 2022 की तारीख सबके लिए आएगा लेकिन सबका समय एक नहीं होगा. कहीं जीत के नगाड़े बज रहे होंगे तो कहीं मायूसी छायी होगी. प्रयागराज के किस विधानसभा का क्या है सियासी समीकरण और सियासी इतिहास?
फाफामऊ सीट पर 2017 के नतीजे
बीजेपी के विक्रमाजीत को 83 हजार वोट मिले
सपा के अंसार अहमद को 57 हजार वोट मिले
बीएसपी के मनोज को करीब 52 हजार वोट मिले
लोकदल को 2500, राष्ट्रीय लोकदल को 1500 वोट
निर्दलीय लड़े राजकुमार को 3 हजार वोट मिले
फाफामऊ सीट पर 2012 के नतीजे
सपा के अंसार अहमद जीते, 52 हजार वोट
बीएसपी के गुरु प्रसाद मौर्य को 46 हजार वोट
निर्दलीय मनोज पांडेय को 21 हजार वोट मिले
बीजेपी चौथे नंबर पर थी,17 हजार वोट मिले
बीजेपी को 10 फीसदी से भी कम वोट मिले थे
फाफामऊ क्षेत्र का सियासी इतिहास
1991 उपचुनाव के बाद बीजेपी सीधे 2017 में जीती
2012 के अलावा सपा कभी नहीं जीत पाई थी
1989, 1993 और 2007 में बीएसपी जीती थी
2002 में अपना दल, 1996 में कांग्रेस का कब्जा था
1974 के बाद कोई भी मौजूदा विधायक नहीं जीता
सबसे ज्यादा यादव वोटर, करीब 70 हजार
मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी 50 हजार के पार
50 हजार ब्राह्मण वोटर भी महत्वपूर्ण
40 हजार से ज्यादा दलित हार-जीत में अहम
ओबीसी से 40 हजार पटेल, 30 हजार मौर्य हैं
फूलपुर सीट पर 2017 के नतीजे
बीजेपी के प्रवीण कुमार सिंह को 94 हजार वोट मिले
सपा के मंजूर आलम को 67 हजार वोट मिले थे
बीएसपी के मुहम्मद मसरूर शेख को 50 हजार वोट मिले
निर्दलीय रामकिशुन सिंह दो हजार वोट मिले थे
निर्दलीय और छोटे दलों को 12 हजार से ज्यादा वोट
फूलपुर सीट पर 2012 के नतीजे
सपा के सैयद अहमद जीते, 73 हजार वोट मिले
बीएसपी के प्रवीण पटेल को 65 हजार वोट मिले थे
अपना दल के राधेश्याम को 15 हजार से ज्यादा वोट
बीजेपी के जोखू लाल यादव को 12 हजार वोट मिले थे
बीजेपी को 7 फीसदी से भी कम वोट मिले थे
फूलपुर सीट का इतिहास
1989 में सिर्फ एक बार बीएसपी जीत पाई
1993, 2007 और 2012 में सपा जीती थी
2017 में पहली बार बीजेपी ने जीत दर्ज की
1996 और 2002 में कांग्रेस जीती थी
1991 में जनता दल के रमाकांत यादव जीते थे
यादव वोटर्स की संख्या 60 हजार के करीब है
50 हजार के करीब कुर्मी वोटर भी अहम हैं
40 हजार के करीब ब्राह्मण मतदाता भी हैं
वैश्य वोटर 15 हजार, क्षत्रिय 12 हजार हैं
20 हजार से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी हैं
इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर 2017 के नतीजे
बीजेपी के सिद्धार्थ नाथ सिंह को 85 हजार वोट
सपा की ऋचा सिंह को 60 हजार वोट मिले
बीएसपी की पूजा पाल को 40 हजार वोट मिले थे
निर्दलीय लड़े हसन एखलाक को 4 हजार वोट
निषाद पार्टी के चंद्रदेव सिंह को 3 हजार वोट
इलाहाबाद पश्चिमी सीट पर 2012 के नतीजे
बीएसपी की पूजा पाल जीतीं, 71 हजार वोट
अपना दल के अतीक अहमद को 62 हजार वोट
सपा की ज्योति यादव को करीब 19 हजार वोट
बीजेपी के रामजी केसरवानी को 10 हजार से कम वोट
बीजेपी को 6 फीसदी से भी कम वोट मिले थे
इलाहाबाद पश्चिमी सीट का इतिहास
2017 में पहली बार इस सीट से बीजेपी जीती
2007 और 2012 में बीएसपी की पूजा पाल विधायक
2004 उपचुनाव में बीएसपी, 2005 उपचुनाव में सपा जीती
1989 से अतीक अहमद की लगातार 5 बार जीत हुई
अतीक अहमद तीन बार निर्दलीय, एक बार सपा से जीते
80 हजार के करीब दलित वोट हैं
40 हजार पाल वोट भी हार-जीत में अहम
55 हजार ब्राह्मण और 20 हजार ठाकुर वोट
60 हजार मुस्लिम वोटर भी जीत में अहम
दलित और मुस्लिम मिलने पर जीत आसान
इलाहाबाद उत्तरी सीट पर 2017 के नतीजे
बीजेपी के हर्षवर्धन बाजपेई को करीब 90 हजार वोट
कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह को 54 हजार वोट
बीएसपी के अमित को 23 हजार वोट ही मिले थे
26 उम्मीदवार खड़े थे, 23 को हजार से कम वोट
एक उम्मीदवार को 63 वोट, एक को 75 वोट मिले थे
इलाहाबाद उत्तरी सीट पर 2012 के नतीजे
कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह जीते, 55 हजार वोट
बीएसपी के हर्षवर्धन बाजपेई को 38 हजार वोट
बीजेपी के उदयभान करवरिया को 35 हजार वोट
सपा के शशांक त्रिपाठी को 12 हजार वोट मिले थे
सपा को 9 फीसदी से भी कम वोट मिले थे
इलाहाबाद उत्तरी सीट का इतिहास
विधायकों पर भरोसा जताती है यहां की जनता
कांग्रेस के राजेंद्र कुमार बाजपेई लगातार चार बार जीते
बीजेपी के नरेंद्र गौर लगातार चार बार जीते थे
कांग्रेस के अनुग्रह नारायण सिंह लगातार दो बार जीते
सपा और बीएसपी का आज तक खाता नहीं खुला
इलाहाबाद उत्तरी
एक लाख से ज्यादा कायस्थ मतदाता हैं
90 हजार के करीब ब्राह्मण वोटर अहम हैं
60 हजार दलित वोटर भी हार-जीत में अहम
50 हजार बनिया और 25 हजार मुस्लिम
पिछड़ी जाति के भी 20 हजार वोटर हैं
सोरांव सीट पर 2017 के नतीजे
अपना दल के जमुना प्रसाद को 77 हजार वोट मिले
बीएसपी की गीता देवी को 60 हजार वोट मिले
सपा के सत्यवीर को 54 हजार वोट मिले
बीजेपीके सुरेंद्र कुमार को 65 हजार वोट मिले
निर्दलीय अजय कुमार को करीब 30 हजार वोट मिले
सोरांव सीट पर 2012 के नतीजे
सपा के सत्यवीर मुन्ना जीते, 61 हजार वोट मिले
बीएसपी के बाबू लाल को 47 हजार वोट मिले
कांग्रेस के अजय कुमार को 22 हजार वोट मिले
निर्दलीय वाचस्पति को 28 हजार वोट मिले
चौथे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार
सोरांव सीट का इतिहास
2 बार बीएसपी, 1 बार सपा, 1 बार अपना दल को जीत
2017 में अपना दल (एस) के उम्मीदवार की जीत
2012 में सपा के सत्यवीर मुन्ना ने जीत दर्ज की
2007 में बीएसपी के मुजतबा सिद्दीकी जीते
2002 में बीएसपी के मुजतबा सिद्दीकी की जीत
ओबीसी और मुस्लिम फैक्टर अहम
20 % ओबीसी वोटर्स
अहम भूमिका में 18 % मुस्लिम वोटर्स
ब्राह्मण 9 %, दलित 10 %, ठाकुर 7 %
हंडिया, प्रयागराज
हंडिया सीट पर 2017 के नतीजे
बीएसपी के हाकिम लाल को 72 हजार वोट मिले
अपना दल (एस) की प्रमिला को 63 हजार वोट मिले
सपा की निधि यादव को 55 हजार वोट मिले
निर्दलीय अवधेश कुमार को करीब 3 हजार वोट मिले
रालोद के विजय बहादुर को 1400 वोट मिले
निर्दलीय अवधेश कुमार को करीब 3 हजार वोट मिले
हंडिया सीट पर 2012 के नतीजे
सपा के महेश नारायण सिंह को 88 हजार वोट मिले
सपा के महेश नारायण को 48 % वोट मिले
पीएमएसपी के राकेशधर त्रिपाठी को 43 हजार वोट मिले
बीएसपी के राममिलन यादव को 31 हजार वोट मिले
कांग्रेस के राजेंद्र त्रिपाठी को 5 हजार वोट मिले
हंडिया सीट का इतिहास
सपा और बीएसपी के गढ़ के तौर पर पहचान
साल 2002 में सपा के महेश नारायण जीते
साल 2007 में बीएसपी के राकेशधर जीते
सपा-बीएसपी के बीच होती रही कांटे की टक्कर
हंडिया, प्रयागराज (हंडिया का समीकरण)
1 लाख यादव वोटर पर सियासी दलों की नजर
हार-जीत में 70 हजार ब्राह्मण वोटर भी अहम
निर्णायक भूमिका में 60 हजार दलित वोटर
8% ठाकुर, 10% मुस्लिम वोटर शामिल
चुनाव में अहम भूमिका निभाते रहे हैं 12% दलित
प्रतापपुर सीट पर 2017 के नतीजे
बीएसपी के मो.मुजतबा को 66 हजार वोट मिले
अपना दल(एस) के करण सिंह को 64 हजार वोट मिले
सपा की विजमा यादव को 51 हजार वोट मिले
निर्दलीय संतोष यादव को 7 हजार वोट मिले
रालोद के सुरेश कुमार को 1200 वोट मिले
प्रतापपुर सीट पर 2012 के नतीजे
सपा की विजमा यादव की जीत, 62 हजार वोट मिले
सपा की विजमा यादव को 34% वोट मिले
बीएसपी के मुजतबा सिद्दीकी को 49 हजार वोट मिले
कांग्रेस के श्याम सूरत को 24 हजार वोट मिले
अपना दल के दुर्विजय सिंह को 22 हजार वोट मिले
प्रतापपुर सीट का इतिहास
2017, 1993 में बीएसपी की जीत
1996,2007,2012 में सपा जीती
1985, 2002 में कांग्रेस की जीत
बीजेपीको कभी नहीं मिली जीत
बीएसपी-सपा में कांटे की टक्कर
65 हजार यादव वोटर्स पर सियासी दलों की नजर
50 हजार ब्राह्मण मतदाता भी जीत के लिए अहम
हार-जीत में 52 हजार पटेल, 12 हजार मौर्य महत्वपूर्ण
11 हजार बनिया, 7 हजार ठाकुर भी वोट बैंक में शामिल
20 हजार मुस्लिम वोटर्स पर भी राजनीतिक दलों की नजर
करछना सीट पर 2017 के नतीजे
सपा के उज्ज्वल रमण सिंह को 80 हजार वोट
बीजेपी के पीयूष रंजन निषाद को 65 हजार वोट
बीएसपी के दीपक पटेल को 40 हजार वोट ही मिले
2300 से ज्यादा लोगों ने नोटा का बटन दबाया
रालोद के राजेंद्र सिंह को 1170 वोट ही मिले
करछना सीट पर 2012 के नतीजे
बीएसपी के दीपक पटेल जीते, 68 हजार वोट
सपा के उज्ज्वल रमण सिंह को 67 हजार वोट
निर्दलीय मिशेल इनिस को 11 हजार वोट मिले
बीजेपी चौथे नंबर पर थी, 8 हजार वोट
बीजेपी को 5 फीसदी से भी कम लोगों ने वोट दिया
करछना सीट का इतिहास
बीजेपी आज तक इस सीट पर नहीं जीती
सपा और बीएसपी में अक्सर टक्कर होती है
1993 के बाद 2007 और 2012 में बीएसपी जीती
1996, 2002 में सपा से रेवती रमण सिंह जीते
रेवती रमण सिंह के बेटे उज्ज्वल दूसरी बार विधायक
सबसे ज्यादा करीब 80 हजार पटेल वोटर हैं
50 हजार मुस्लिम और 50 हजार ब्राह्मण वोटर
40 हजार के करीब पिछड़ी जाति के वोटर
30 हजार भूमिहार वोटर भी बेहद अहम हैं
रेवती रमण सिंह के वर्चस्व वाली सीट है
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