UP Assembly Election 2022: आज बुधवार है लेकिन उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनाव से पहले ये सियासी बुधवार में तब्दील हो गया है, क्योंकि सभी राजनीतिक दल आज कहीं न कहीं यात्रा, सम्मेलन, बैठक कर रहे हैं. सबसे पहले अगर बात करें सत्ताधारी बीजेपी (BJP) की तो जो प्रबुद्ध सम्मेलन 5 सितंबर से शुरू हुआ था आज उसका चौथा दिन है. आज प्रदेश के 7 शहरों में बीजेपी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है. जिनमें गाजियाबाद में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantra Dev Singh) मौजूद रहेंगे. वहीं वाराणसी (Varanasi) में महामंत्री संगठन सुनील बंसल मौजूद रहेंगे. जबकि प्रयागराज में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी मौजूद रहेंगे. रायबरेली में कानून मंत्री बृजेश पाठक का कार्यक्रम लगा हुआ है. इसके अलावा एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी का यूपी दौरे का दूसरा दिन है. उन्होंने अयोध्या से शोषित वंचित समाज सम्मेलन की जो शुरुआत कि आज वो सम्मेलन सुल्तानपुर में होगा.
वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी मिशन 2022 का आगाज कर दिया है. कल प्रबुद्ध वर्ग संगोष्ठी के समापन के मौके पर मायावती ने साफ तौर पर कहा कि अब पार्टी का दूसरा चरण 9 अक्टूबर से काशीराम की पुण्यतिथि पर श्रद्धा सुमन कार्यक्रम के साथ शुरू होगा. इसे लेकर आज बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सारे कोऑर्डिनेटर और सभी 75 जिला अध्यक्षों की पार्टी कार्यालय पर बैठक बुलाई थी, जिसमें 9 अक्टूबर के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मायावती ने सभी को निर्देश जारी किये हैं. पार्टी कार्यालय पर मायावती तकरीबन 45 मिनट तक मौजूद रहीं और सभी को संबोधित किया.
वहीं अगर बात करें तो समाजवादी पार्टी की ओर से जो किसान नौजवान पटेल यात्रा शुरू की गई थी उसका दूसरा चरण आज से शुरू हो रहा है. आज सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल बस्ती पहुंचेंगे.
वहीं कांग्रेस में भी लगातार कार्यक्रम इन दिनों चल रहे हैं. यूपी प्रभारी और पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 10 और 11 सितम्बर को 2 दिन के लखनऊ दौरे पर आ सकती हैं. इसे लेकर भी तैयारियां पार्टी कार्यालय में चल रही है. जबकि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज भी अपनी जनादेश यात्रा को लेकर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जा रहे हैं. आज वो सोनभद्र पहुंचेंगे.
विधानसभा चुनाव में काफी कम समय बचा है
दरअसल, उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में काफी कम समय बचा है. दिसंबर के आखिरी हफ्ते या जनवरी के पहले हफ्ते में माना जा रहा है कि आचार संहिता लागू हो जाएगी और ऐसे में सियासी दलों के पास अक्टूबर-नवंबर दिसंबर तक लगभग 100 दिनों का ही वक्त बचा हुआ है इसीलिए तमाम सियासी दल एक साथ कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. क्योंकि साल 2020 और 2021 में कोरोना के चलते सियासी दलों की गतिविधियों पर भी ब्रेक सा लग गया था. ऐसे में अब जब कोरोना के केस यूपी में काफी कम हुए हैं तो सियासी दल इस कोशिश में जुटे हैं कि कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंच कर अपनी बात उनके सामने रखी जाए जिससे 2022 के चुनाव में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.
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