Politics on Lakhimpur Kheri Incident: यूपी (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों की हत्या के बाद पर राजनीति उबाल मार रही है. कांग्रेस, (Congress) सपा (SP), आम आदमी पार्टी (AAP) समेत लगभग सभी विपक्षी दल राज्य और केंद्र की सरकार पर हमलावर है. घटना भले ही लखीमपुर खीरी में हुई, लेकिन असर लखनऊ से लेकर दिल्ली तक है. क्योंकि यहां चार किसानों समेत आठ लोगो की मौत हुई है. 


आरोप तो यही है कि केंद्रीय गृहमंत्री के बेटे की गाड़ी से पहले किसानों को रौंदा गया. जिससे किसानों की मौत हुई. उसके बाद किसान उग्र हुए हिंसा भड़क गई और बीजेपी के 3 समर्थक, एक ड्राइवर की भी भीड़ ने हत्या कर दी, लेकिन विवाद की शुरुआत तो गाड़ी चलाने और चढ़ाने से ही हुई. जिसके बाद किसानों में गुस्सा बढ़ गया, लेकिन मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे दोनों ही आरोपों से इनकार करते रहे और इससे पहले की हालात और खराब होते, बड़े पैमाने पर प्रशासन ने मोर्चा संभाल लिया. हालांकि, तब तक सियासी बवाल तो मच ही चुका था. रातों रात कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली से लखनऊ और लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए निकल गईं, पहले पुलिस ने लखनऊ में नोंकझोंक हुई और सीतापुर में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. 


पुलिस वालों ने कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा के साथ नोंकझोंक की तो प्रियंका पुलिस से सीधे जा भिड़ीं. मगर आखिरकार प्रियंका को पुलिस ने लखीमपुर जाने से रोक लिया. सुबह होते ही अखिलेश यादव ने मोर्चा संभाल लिया. पुलिस ने घर के बाहर ही पहरा लगा दिया, फिर वो घर के बाहर ही धऱने पर बैठ गए. अखिलेश यादव ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर मंत्री और उनके बेटे पर कार्रवाई की बात की और आखिर में पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में ले लिया.


सभी विपक्षी दल एक सुर में सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी ने भी फ्रंटफुट पर आकर हमला बोला. एक तरफ विपक्षियों को रोका तो दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों के गुस्से को शांत करने के लिए लखनऊ से बड़े अधिकारियों की बड़ी टीम भेज दी. किसान नेता राकेश टिकैत और दूसरे नेताओं के साथ प्रशासन ने 6 राउंड की बातचीत की और आखिरकार उन्हें मना लिया गया.



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