प्रयागराज, एबीपी गंगा। भगवान परशुराम की प्रतिमा लगाने को लेकर हो रही सियासत का मामला गरमा गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसे लेकर कड़ी नाराजगी जताई है. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि ये अवतारी महापुरुषों को जातियों में बांटने की साजिश है. जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि राजनेता सनातन धर्म और हिंदू समाज को कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं.


नरेंद्र गिरी ने कहा कि महर्षि परशुराम भगवान विष्णु के अवतार हैं. वे सभी के अराध्य हैं. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद विघटनकारी ताकतों का विरोध करेगा. इस बारे में अखाड़ा परिषद अभियान चलाएगा. उन्होंने लोगों से भी इस बारे में अपील की. गिरी ने कहा कि लोगों से अपील है कि वे समाज को तोड़ने वाली ताकतों के बहकावे में न आएं.


बता दें कि पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लेकर राजनीति तेज हो गई है. ब्राह्मणों के अराध्य माने जाने वाले भगवान परशुराम को लेकर पार्टियां राजनीतिक बिसात बिछाने में लगी हैं. इस कड़ी में पहले समाजवादी पार्टी ने भगवान परशुराम की मूर्ति बनाने की बात कही. जिस पर बसपा प्रमुख मायावती ने सपा पर राजनीतिक का आरोप लगाया. हालांकि, मायावती ने भी वही राजनीतिक वादा किया जो सपा कर रही थी. मायावती ने कहा कि बसपा सरकार बनने पर भगवान परशुराम की सपा की तुलना में बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी. साथ ही मायावती ने कहा सभी धर्मों और संप्रदायों के महापुरुषों का सम्मान करते हुए सरकार आने पर बसपा उनके नाम से योजनाएं और जनसुविधाएं उपलब्ध करवाएगी.


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