कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज बोले, सिंचाई विभाग में ठेके लेने हैं तो भाजपा कार्यकर्ता बनना पड़ेगा
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान से राज्य में सियासत गर्म हो गई है. उन्होंने सिंचाईं विभाग के ठेकों को लेकर कहा कि, अब ये भाजपा कार्यकर्ताओं को दिये जाएंगे.
देहरादून: आपको सिंचाई विभाग में ठेके लेने हैं, तो पहले आपको भाजपा कार्यकर्ता बनना पड़ेगा, तभी आप को सिंचाई विभाग में ठेके मिल पाएंगे. यह बात हम नहीं बल्कि सरकार में सिंचाईं मंत्री सतपाल महाराज खुद कह रहे हैं. सतपाल महाराज के इस बयान से एक बार फिर उत्तराखंड में सियासत तेज हो गई है. महाराज के इस बयान पर ना तो संगठन ही कुछ बोल पा रहा है, और ना ही सरकार बचाव कर पा रही है, लेकिन कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया.
सतपाल महाराज का ये था बयान
आपको बता दें कि, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि, सिंचाईं विभाग में जितने भी छोटे ठेके होंगे वह अब भाजपा कार्यकर्ताओं को दिए जाएंगे. यानी यदि आप भाजपा कार्यकर्ता हैं, तभी आपको सिंचाई विभाग में ठेके मिल पाएंगे.
यहां तक कि, सतपाल महाराज ने यह कह दिया कि, सिचाईं विभाग में जो बड़े ठेके थे, उनको छोटा-छोटा करके कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. जिसके बाद सिंचाई विभाग के सारे ठेके भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी दिए जाएंगे. उससे कार्यकर्ताओं को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही सरकार को फायदा होगा. महाराज के इस बयान पर सियासत होना लाजमी था.
कांग्रेस को मिला मौका
ऐसे में कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. कांग्रेस का आरोप है कि, कांग्रेस पहले से ही यह बात कह रही है कि, भाजपा सरकार भेदभाव के तौर पर काम करती है और यह बात सरकार में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने पुख्ता कर दी है. क्योंकि वह खुलेआम कैमरे के सामने कह रहे हैं कि सिचाईं विभाग में जो भी ठेके हैं वह अब भाजपा कार्यकर्ताओं को ही मिलेंगे.
सतपाल महाराज के इस बयान पर भाजपा संगठन भी कुछ जवाब नहीं दे पा रहा है. जब यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक से पूछी गई कि, क्या अब सिचाईं विभाग में सारे ठेके भाजपा कार्यकर्ताओं को ही मिलेंगे तो वह हंसकर टाल गए और कहा कि ये तो सतपाल महाराज ही बता पाएंगे.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के इस बयान से उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है. पहले देवस्थानम बोर्ड को लेकर दिए गए बयान से भाजपा संगठन और सरकार सकते में थी और अब भाजपा कार्यकर्ताओं को ठेके दिए जाने को लेकर दिए गए बयान पर न संगठन बचाव कर पा रहा है और ना सरकार. लेकिन यह जरूर है कि कांग्रेस को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है.
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