लखनऊ, अनुभव शुक्ला। उन्नाव रेप पीड़िता की रायबरेली में हुए सड़क हादसे के बाद से ही हालत लगातार गंभीर बनी हुई है, लेकिन इस मुद्दे को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है। चाहे समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस हो सभी इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर निशाना साध रही हैं।


विपक्ष का बीजेपी पर हमला


लगातार विपक्षी दल सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, और इस विरोध प्रदर्शन में ना तो कांग्रेस और ना ही समाजवादी पार्टी पीछे रहना चाहती है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जहां लगातार तीन दिनों तक लखनऊ के जीपीओ में धरना दिया तो वहीं समाजवादी पार्टी के एमएलए, एमएलसी और कार्यकर्ता तो राजभवन के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे, इस घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरीके से पीड़िता को राहत देते हुए अपना फैसला सुनाया उसे अब विपक्ष ने सरकार के खिलाफ एक हथियार बना लिया है। समाजवादी पार्टी तो अब पूरे प्रदेश में 9 अगस्त को हर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने जा रही है। समाजवादी पार्टी के अधिकारिक टि्वटर हैंडल से इसकी जानकारी दी गई। इस ट्वीट में साफ तौर पर लिखा है कि सरकार बनाम नारी का नया आंदोलन अब जन्म ले चुका है और बेटी के न्याय के लिए 9 अगस्त को यूपी के सभी जिलों में पार्टी के कार्यकर्ता धरना देंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर करने को कहा है। इस पर समाजवादी पार्टी अब कह रही है कि इससे कई अधिकारियों की जो करतूत है वह भी उजागर होगी।





हालांकि दो दिन पहले समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर यह कहा था कि उनका जो धरना प्रदर्शन है, वह एक अगस्त को ही शुरू होगा लेकिन 1 अगस्त को पार्टी अपने नेता आजम खान और उनके परिवार के बचाव में रामपुर में लगी थी इसलिए अब उन्नाव रेप पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए 9 अगस्त का दिन समाजवादी पार्टी ने तय किया है।


केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं बल्कि कभी समाजवादी पार्टी का बड़ा चेहरा रहे और अब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव अपने कार्यकर्ताओं के साथ 8 अगस्त को प्रदेश की कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर सरकार के खिलाफ लखनऊ में एक बड़ा धरना करने जा रहे हैं जाहिर है इस मुद्दे पर कोई भी सियासी दल अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से चूकना नहीं चाहता और यही वजह है कि लगातार पार्टी सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट की अपनी पॉलिसी बना रही हैं।


बीजेपी ने लिया आरोपी विधायक पर एक्शन


इस पूरे मामले में भले ही देर से सही लेकिन पार्टी ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। कुलदीप सिंह सेंगर के निष्कासन को लेकर बीजेपी में काफी कंफ्यूजन भी देखने को मिला, हालांकि बाद में केंद्रीय नेतृत्व ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए कुलदीप सिंह सिंगर को पार्टी से निकालने के लिए राज्य इकाई को निर्देशित किया और उसके बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी की ओर से कुलदीप सिंह सिंगर के निष्कासन की चिट्ठी जारी की गई।