राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया अंबेडकर स्मारक का शिलान्यास, विरोधियों ने BJP पर दागे सवाल
बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास होने पर विरोधी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधा है. मायावती ने शिलान्यास की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं.
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लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राजधानी लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर स्मारक सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया. लखनऊ के ऐशबाग इलाके में तकरीबन डेढ़ एकड़ में सांस्कृतिक केंद्र बनाया जाएगा, जिस पर कुल 45 करोड़ का खर्चा आएगा. इसमें 25 फीट ऊंची बाबा साहेब की प्रतिमा भी लगाई जाएगी. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के कई मंत्री भी मौजूद रहे. लेकिन, अब इस कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दल बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. मायावती में ट्वीट कर बीजेपी पर इस कार्यक्रम की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं तो कांग्रेस भी इसे बीजेपी की दलित वोट बैंक साधने की रणनीति बता रही है.
खत्म हुआ राष्ट्रपति का दौरा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 5 दिनों का यूपी दौरा आज समाप्त हो गया. पहले 3 दिन राष्ट्रपति कानपुर और अपने पैतृक आवास पर गए फिर दो दिन लखनऊ में रहे. राजधानी लखनऊ में लोकभवन में हुए एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ के लोगों को एक बड़ी सौगात दी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सांस्कृतिक स्मारक केंद्र का शिलान्यास किया.
सीएम योगी रहे मौजूद
लोकभवन में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. वहीं, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहीं. इस केंद्र का शिलान्यास करते हुए राष्ट्रपति ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के लखनऊ से संबंध का भी जिक्र किया. कुछ समय पहले ही कैबिनेट ने राजधानी के ऐशबाग इलाके में इस बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सांस्कृतिक स्मारक केंद्र की स्थापना को हरी झंडी दी थी और आज इसका शिलान्यास भी हो गया. ये स्मारक केंद्र 1.34 एकड़ में बनाया जाएगा, यहां 25 फीट ऊंची बाबा साहेब की प्रतिमा लगाई जाएगी. उनका पवित्र अस्थि कलश यहां लोगों के दर्शनार्थ रखा जाएगा. साथ ही साथ यहां पुस्तकालय और एक संग्रहालय भी बनाया जाएगा.
सियासी बयानबाजी शुरू
इस शिलान्यास कार्यक्रम के साथ ही उत्तर प्रदेश में सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है. आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चुनाव से पहले ही देखने को मिल रहा है, और इसकी शुरुआत दलित की बेटी कही जाने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके की है. कार्यक्रम के बाद मायावती ने ट्वीट कर शिलान्यास की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि ''अच्छा तो यह होता की बीजेपी आज राष्ट्रपति के हाथों इसका शिलान्यास नहीं बल्कि उद्घाटन करवाती. एक के बाद एक मायावती ने जो ट्वीट किए उसमें साफ तौर पर लिखा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर यह जो स्मारक बनाया जा रहा है इसका बीएसपी स्वागत करती है, लेकिन इसे बीजेपी की चुनावी पैंतरेबाजी करार दिया.''
2. बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा। यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उदघाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) June 29, 2021
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया जवाब
मायावती के इन आरोपों का जवाब दिया कभी उनके खास सिपहसालार रहे और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती को तो इसका स्वागत करना चाहिए. अगर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर एक सांस्कृतिक केंद्र बनाया जा रहा है तो इसको लेकर मायावती सवाल क्यों खड़े कर रही हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जितना सम्मान बीजेपी ने बाबा साहेब को दिया है उतना किसी भी पार्टी ने नहीं दिया. बीजेपी बाबा साहेब से जुड़े पांच स्थलों को पंच स्थल के रूप में विकसित कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने इसे बीजेपी की दलित वोट बैंक में सेंध की रणनीति बताया है.
दलित वोट बैंक पर है नजर
जाहिर है 2022 विधानसभा चुनाव में सभी सियासी दलों की निगाहें दलित वोट बैंक को साधने में हैं. बीजेपी भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहती है. ऐसे में इस सांस्कृतिक स्मारक केंद्र के जरिए भले ही बीजेपी ये कहे कि उसकी कोशिश बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से जुड़ी यादों को सहेजना है, लेकिन सियासी लोग इसे भी वोट बैंक की चश्मे से ही देख रहे हैं.
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