लखनऊ: सर्दियों की आमद के साथ ही प्रदूषण (Pollution) का खतरा भी एक बार फिर से बढ़ गया है. कोहरे के साथ प्रदूषण मिलकर स्मॉग बनाता जो बेहद खतरनाक हो जाता है. इसी से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक्शन में है और इसे लेकर कुछ सख्त कदम भी उठाए हैं. प्रदूषण के हालात के देखते हुए सरकार (Up Government) ने आदेश जारी किया है कि प्रदेश में अब 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां नहीं चल सकेंगी. इन्हें रोकने के लिए बेहद सख्ती से नए नियम लागू किए जाएंगे. इसके साथ ही नोएडा, गाजियाबाद समेत एनसीआर और प्रदेश के दूसरे बड़े शहरों में पॉल्युशन वॉर रूम बनाने के निर्देश भी दिए गए हैं.


क्या निर्देश दिए गए हैं?
हाल ही में प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने प्रदेश के कमिश्नरों और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी. इसमें प्रदेश के बड़े शहरों, एनसीआर सहित कानपुर, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज और लखनऊ में प्रदूषण के हालात की समीक्षा की गई. इस बैठक में मुख्य सचिव ने बड़े शहरों में वॉर बनाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही प्ताह में कम से कम दो दिन सड़कों और पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव और ज्यादा ट्रैफिक वाले इलाकों की पहचान कर उनमें भीड़भाड़ रोकने के भी निर्देश दिए.


मुख्य सचिव ने 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को सख्ती से रोकने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि बाजारों में नो व्हीकल जोन बनें. कंस्ट्रक्शन को लेकर आरके तिवारी ने कहा कि इसके लिए एनजीटी के दिशा.निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए.


मुख्य सचिव ने सभी कमिश्नरों और जिलाधिकारियों से पराली जलाने की घटनाओं को गंभीरता से लेने को कहा. उन्होंने पराली जलाने की घटाओं को रोकने का आदेश दिया. मुख्य सचिव ने कहा कि इसमें किसी भी तरह की लापरवाही के लिए सीधे अधिकारी जिम्मेदार होंगे.


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