प्रदूषण: नोएडा अथॉरिटी का आदेश- कंस्ट्रक्शन साइट पर अनिवार्य रूप से लगाई जाए एंटी स्मॉग गन
प्रदूषण रोकने के लिए नोएडा में 11 जगह पर एंटी स्मोग गन लगाई गई हैं. एंटी स्मोग गन करीब 20 से 25 मीटर तक पानी का छिड़काव कर सकती है.
नोएडा: देश के लिए सर्दियां आते ही वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनकर सामने आता है. प्रदूषण को लेकर दिल्ली एनसीआर की हालत कुछ साल से लगातार खराब रही है. जिसमें धड़ल्ले से चल रहे हाउसिंग प्रॉजेक्ट की भूमिका पर भी सवाल उठते रहे हैं.
इस बार सर्दियां शुरू होने से पहले ही ऑथोरिटीज सतर्क हैं और प्रयास कर रही हैं कि इस साल वायु प्रदूषण को कम किया जा सके. जिसको देखते हुए नोएडा में नोएडा अथॉरिटी की तरफ से निर्माणाधीन साइटों पर अनिवार्य रूप में एंटी स्मॉग गन लगाने को कहा गया है.
प्रदूषण रोकने के लिए नोएडा में 11 जगह यह एंटी स्मोग गन लगाई गई हैं. फिलहाल सेक्टर-150 के एटीएस होमक्राफ पायोस हाइडवेज, सेक्टर-135 के कैंडरटेक स्पेस, सेक्टर-144 के ऑक्सीजन बिजनेस पार्क प्राइवेट लिमिटेड और सेक्टर-96 स्थित प्राधिकरण के निर्माणाधीन प्रशासनिक भवन प्रोजेक्ट साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं.
एंटी स्मोग गन कैसे काम करता है? एंटी स्मोग गन एक मशीन है जो बिजली से चलती है. इसमें वाटर कैनन और मोटर अटेच होती है और यह चारों तरफ रोटेट करता है. गन की तरह टनल जैसी दिखने वाली यह मशीन तकरीबन 20-25 मीटर तक पानी का छिड़काव कर सकती है. खासतौर से कंस्ट्रक्शन साइट पर इसके इंस्टॉलेशन से चारों तरफ उड़ने वाली धूल- मिट्टी रुकती है क्योंकि जब यह चलाया जाता है तो पानी के छिड़काव से धूल हवा में नहीं उड़ती है और पानी से ज़मीन पर ही रह जाती है.
वायु प्रदूषण की समस्या निर्माणाधीन प्रोजेक्टों पर चल रहे कार्यों की वजह से भी बढ़ जाती है. लिहाजा सभी को एंटी स्मॉग गन के प्रयोग का निर्देश दिया गया है. इसका मकसद उड़ रही धूल से होने वाले प्रदूषण को फैलने से रोकना है. आने वाले समय मे यह कितना कारगर साबित होगा यह देखना होगा.
यह भी पढ़ें:
कोर्ट ने कंगना रनौत के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया, ये है मामला