गोंडा: प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग को हाईटेक करने के लिए लगातार पैसे को पानी की तरह खर्च कर रही है कि, आम जनता को अच्छी से अच्छी चिकित्सा सुविधा मुहैया हो सके. हर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टरों की तैनाती के साथ रात में प्रकाश के लिए लाइट के साथ इनवर्टर और इनवर्टर के साथ जनरेटर की व्यवस्था की गई है ताकि, रात में आए हुए मरीजों को अच्छी चिकित्सा सुविधा मिलती रहे. लेकिन इन सभी दावों की पोल खुलती तस्वीर गोंडा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तरबगंज के सामने आई है, जहां पर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में तरबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की महिला स्टाफ नर्स के द्वारा टॉर्च की रोशनी में प्रसूता का प्रसव कराए जाने का मामला सामने आया है. पूरा मामला सामने आने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पूरे प्रकरण की जांच करवाने की बात कही है.
स्टाफ नर्स ने बताया पूरा प्रकरण
यह पूरा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तरबगंज का है. जो बीते सोमवार की रात का बताया जा रहा है. खुद स्टाफ नर्स ने पूरी बात को स्वीकारा कि हां रोशनी की व्यवस्था ना होने पर टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराया गया है. वहीं, पीड़ित प्रसूता व उनके परिजनों ने कहा कि किसी तरीके से इलाज यहां पर हो जाए यही बड़ी बात है यहां पर ना लाइट है, उजाले की कोई व्यवस्था नहीं है. मच्छर काटते रहते हैं और जो हम मोबाइल लेकर आए थे उसी को जलाकर प्रसव कराया गया है. पूरा अंधेरा है किसी तरीके से इलाज हो गया यही बड़ी बात है.
सीएमओ ने कहा कार्रवाई की बात
वहीं, पूरे मामले पर स्वास्थ विभाग के मुखिया राधेश्याम केसरी का कहना है कि आपके द्वारा पूरे मामले की जानकारी हुई है. इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. यह बात सुनने के बाद हमको दुख हुआ है हर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर रात में रोशनी के लिए उचित व्यवस्था की गई है. लाइट की व्यवस्था है, इनवर्टर की व्यवस्था है और उसके बाद बड़े जनरेटर के भी व्यवस्था है. ऐसे में टार्च की रोशनी में प्रसव कराने का मामला बहुत ही गंभीर प्रकरण है.
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