Poor Roads in Ghaziabad: उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) जीतने के बाद बीजेपी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने घोषणा की थी, कि सबसे पहले हमारा लक्ष्य सड़क के गड्ढे (Potholes) भरना होगा. जिसको लेकर ना जाने कितनी मुहिम और योजनाएं बनाई गई. आज उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar pradesh Government) को साढ़े 4 साल हो चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद आज भी सड़कों पर गड्ढे मौजूद हैं. जिसके चलते सड़कों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. अब जो हम आपको तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, यह गाजियाबाद के मेरठ मोड़ (Meerut Turn) की तस्वीरें हैं. इसमें एक तरफ बस है और दूसरी तरफ एक स्कूटी बस से चंद इंच की दूरी पर गिरी हुई है, और एक युवक उस स्कूटी को उठा रहा है.
मेरठ मोड़ से लगी सड़क हुई जानलेवा
दरअसल, यह पूरा वाकया कुछ इस तरह से है. जब एक स्कूटी सवार युवक मेरठ मोड़ से गाजियाबाद की तरफ जा रहा था, तो सड़कों पर पानी भरा था, और वह सड़क पर गड्ढों से अनजान होकर स्कूटी चला रहा था. तभी अचानक पानी के अंदर जो गड्ढा था, उसमें युवक की स्कूटी का आगे अगला पहिया चला गया, युवक वहीं सड़क पर गिर गया. लेकिन युवक की किस्मत इतनी भी खराब नहीं थी. पीछे से आ रही बस ने तुरंत मौके पर ब्रेक लगा लिए, वरना यूपी सरकार की सड़क के गड्ढों का खामियाजा इस युवक को अपनी जान देकर चुकाना पड़ सकता था.
कुछ ही महीनों पहले बनी थे ये सड़क
यह तो आपको हमने मेरठ मोड़ के सड़क एक गड्ढे के बारे में बताया. मेरठ मोड़ सड़क पर ऐसे ही ना जाने कितने गड्ढे हैं जो अभी तक भरे नहीं गए हैं. सरकार का कार्यकाल पूरा होने वाला है, लेकिन गड्ढों की भरपाई अभी नहीं हो पाई है. इसके अलावा मेरठ मोड़ पर जो सड़क कुछ महीनों पहले बनाई गई थी, वह सड़क इस बारिश में ताश के पत्तों की तरह बिखरती चली गई.
यह पानी उसी सड़क पर भरा है, जिसको लगभग 2 से 3 महीने पहले बनाया गया था, लेकिन बरसात के आगे भला इंजीनियरों की बनाई गई यह सड़क कहां तक टिक पाती. लगातार बारिश होती चली गई और यह नई सड़क कुछ इस तरह से खस्ताहाल हुई कि मानो इस सड़क को बने हुए अरसा हो चुका हो.
भ्रष्टाचार की बू आ रही है..सड़कों की हालत से
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में ऐसी भी सड़कें हैं जो 2020 में लॉक डाउन के दौरान बनाई गई थी, लेकिन वह भी मात्र एक साल के बाद से ही टूटना शुरू हो चुकी हैं. सड़क को इतनी जल्दी खस्ताहाल होता देख सड़क की सामग्री में भ्रष्टाचार की बू आने लगी है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि, जब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ देश में विकास की गंगा बहाने से पीछे नहीं हट रहे हैं, तो ऐसे में इस गंगा में ठेकेदार इंजीनियर और कंपनियां गंगा के अंदर मगरमच्छ के रूप धारण करने पर क्या कोई बड़ी कार्रवाई हो सकेगी.
ये भी पढ़ें.