नहीं बख्शे जाएंगे लखनऊ की सूरत बिगाड़ने वाले...शहर के मुख्य चौराहों पर लगे 57 उपद्रवियों के पोस्टर
सीएए के विरोध में तोड़फोड़ करनेवालों की मुश्किलें बढ़नेवाली हैं। यूपी की योगी सरकार राजधानी में सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों का चेहरा उजागर करेगी
लखनऊ, एबीपी गंगा। नागरिकता संशोधन कानून यानि सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में शामिल होनेवाले उपद्रवियों पर राज्य की योगी सरकार सख्त रुख अपना रही है। राजधानी में हुये प्रदर्शन में तोडफ़ोड़ कर सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 57 लोगों के चेहरे सबके सामने होंगे। प्रशासन ने उपद्रव के दोषियों के तस्वीरें उनके इलाकों और मुहल्लों में लगाने का फैसला किया है ताकि दूसरों को इससे सबक मिले। एक आकलन के मुताबिक प्रशासन ने अब तक करीब डेढ़ करोड़ रुपये की वसूली जमा कराने के लिए आदेश जारी किए हैं।
57 उपद्रवियों के लगे पोस्टर आपको बता दें कि 19 दिसंबर को केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के विरोध को लेकर विभिन्न पार्टियों के समर्थकों ने शहर में जमकर तोड़फोड़ की थी। इस दौरान शहर के कैसरबाग, ठाकुरगंज, हजरतगंज और हसनगंज में सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाया गया था। पुलिस और प्रशासन ने 150 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया था, जिसमें से जांच और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर प्रशासन ने 57 लोगों को सरकारी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया।
दारापुरी-सदफ जाफर की तस्वीरें भी शामिल शहर के चौक-चौराहों पर लगे इन पोस्टर्स में कई बड़े नाम भी शामिल हैं। अटल चौक और हजरतगंज इलाके में लगाए गए बड़े-बड़े पोस्टर्स में पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी की तस्वीर भी है। आपको बता दें कि पूर्व आईपीएस दारापुरी पर सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप है। इसके अलावा दीपक मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता और कांग्रेस से जुड़ी रहीं सदफ जाफर की तस्वीर भी लखनऊ के चौराहों पर लगाई गई हैं। मौलाना सैफ अब्बास का नाम भी हिंसा करने वालों की लिस्ट में शामिल है।