आगरा, नितिन उपाध्याय। मोदी राज और योगी राज में किसानों को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। उनकी आर्थिक दशा सुधारने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन आगरा में कहानी कुछ और देखने को मिली है। फतेहाबाद तहसील के घाघपुरा गांव के गीतम सिंह कर्ज के तले इतने दबे हुए हैं कि उन्होंने कर्ज चुकाने के लिए अपनी एक किडनी बेचने का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है, तो वहीं किसान गीतम सिंह से मिलने किसान यूनियन और राजनेता भी पहुंचने लगे हैं।


समूह में मायूस बैठे इस किसान का नाम गीतम सिंह है। जो अपने मां-बाप के साथ आगरा के फतेहाबाद तहसील के घाघपुरा गांव में रहता है, लेकिन गीतम सिंह आज पूरी तरह टूट चुका है। वजह है उस पर 20 लाख रुपये के करीब का कर्ज, जो उसने बैंक और साहूकारों से लिया है। इसलिए गीतम सिंह ने अपनी एक किडनी बेचने का मैसेज सोशल मीडिया के जरिए जारी किया।



पीड़ित किसान  गीतम सिंह का कहना है, 'मुझ पर करीब 20 लाख रुपये का कर्जा हो गया है, साल 2015 से लगातार मुझे आलू की खेती में नुकसान हो रहा है। मैं लंबे समय से घुटन महसूस कर रहा हूं, कर्ज वाले मुझे बहुत परेशान कर रहे हैं, इसलिए मैंने किडनी बेचने का फैसला किया है। ताकि उसके बदले में आये रुपयों से कर्ज चुका सकूं। मेरे पास अभी किडनी खरीदने के कई ऑफर आ चुके हैं।'


इस बात की खबर से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। एसडीएम फतेहाबाद अब्दुल बासित का कहना है कि हम मामले की जांच करवा रहे हैं, नियमानुसार ऋण मोचन स्कीम के तहत मदद की जाएगी। कर्ज गीतम सिंह के नहीं, बल्कि उनके पिता पर है। हम इस पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं।



किडनी बेचने की खबर सामने आने के बाद गीतम सिंह के घर किसान नेताओं और राजनेताओं का जमघट लग गया है। किसान यूनियन से जुड़े तमाम नेताओं का कहना है कि पिछले कई सालों से किसान ठगा जा रहा है, लेकिन सरकार केवल बातें बड़ी-बड़ी करती है। जमीनी हकीकत पर आगरा का आलू किसान पूरी तरह परेशान है।


इसके अलावा मंगलवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल भी घाघपुरा गांव पहुंचा और पूरी रिपोर्ट तैयार की। साथ ही, गीतम सिंह और ग्रामीणों का हालचाल जाना। उन्होंने किसानों की पूरी स्थिति की रिपोर्ट प्रियंका गांधी को सौंपने की बात कही है।


अब देखना यह है कि किडनी बेचने को मजबूर किसान गीतम सिंह की सरकार किस तरह मदद करती है, ताकि कर्ज के बोझ से दबे गीतम सिंह को राहत मिल सके और ऐसा आत्मघाती कदम ना उठाने को मजबूर हो।


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