UP Electricity Workers Strike: यूपी सरकार की एस्मा और एनएसए की चेतावनी के बावजूद भी यूपी में बिजली कर्मचारियों की 3 दिवसीय हड़ताल जारी है. हड़ताल की वजह से मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) में शहरी और ग्रामीण अंचल में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. जिले में बिजली न आने के कारण सारी औद्योगिक इकाई दो दिन से बंद पड़ी हैं, जबकि देहात इलाकों में बत्ती गुल है. वहीं बिजली कर्मचारी दफ्तरों में ताला लगाकर जिला मुख्यालय पर चल रहे धरने पर बैठे हुए हैं.


मुजफ्फरनगर के  विद्युतकर्मी  दो दिनों से जिले भर में हड़ताल पर बैठे हुए हैं. विभिन्न मांगों को लेकर विद्युत विभाग के कर्मचारी 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' के बैनर तले 72 घंटों की हड़ताल पर हैं, जिनकी वजह से प्रदेश भर में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. गुरुवार की रात शहरी इलाकों में तो राहत रही, वहीं शुक्रवार के दिन से रात होते होते शहरी क्षेत्रों से लेकर ग्रामीण इलाकों में बीती रात से बिजली गुल है. पूरे जनपद की अगर बात करें तो  लगभग 100 गांवों में अंधेरा छाया रहा, वहीं देर रात से हो रही जबरदस्त बारिश के कारण भी स्थिति और बिगड़ गई.


शहरी क्षेत्र के आसपास पड़ने वाले गांव के किसानों ने रुड़की रोड स्थित बिजली घर पर आकर भारी हंगामा किया. हंगामे को देखते हुए मुजफ्फरनगर सदर एसडीएम परमानंद झा व सीओ सिटी आयुष विक्रम सिंह मौके पर पहुंचे और किसी तरह किसानों को समझाया बुझाया. वहीं विद्युत विभाग की हड़ताल से पूरे जनपद की औद्योगिक इकाइयां भी प्रभावित हुई हैं भोपा रोड 32केवी बिजलीघर से निकलने वाली पॉवर सप्लाई दो दिन से खराब पड़ी है. हड़ताल की वजह से कोई भी कर्मचारी फाल्ट ठीक करने में रूचि नहीं दिखा रहा है, जिस कारण भोपा रोड की अधिकतर औद्योगिक इकाई बंद पड़ी हैं. ऐसा ही हाल मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र बेगराजपुर का है जहां पर 40 से ज्यादा औद्योगिक इकाईयां विद्युत सप्लाई बाधित होने के कारण बंद पड़ी हैं. सिर्फ छोटी औद्योगिक इकाइयां चल पा रही हैं.


बिजली विभाग के अधिकारी फोन भी नहीं उठा रहे
वहीं इस पूरे मामले को लेकर मुजफ्फरनगर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष विपुल भटनागर ने बताया कि फाल्ट ठीक नहीं होने की वजह से फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं. बिजली विभाग के अधिकारी फोन भी नहीं उठा रहे हैं. जिस कारण बहुत दिक्कत हो रही है.


UP Politics: यूपी निकाय चुनाव से पहले BJP को बड़ा झटका, औरैया में इस बड़े नेता ने छोड़ी पार्टी


आपको बता दें कि ओबरा और अनपरा की नई इकाइयों को एनटीपीसी को देने और पारेषण के निजीकरण को लेकर विद्युत कर्मचारियों में भारी विरोध है. जिस पर गत दिनों हुए समझौते को लागू नहीं करने की वजह से विद्युतकर्मी 72 घंटे की हड़ताल हैं. चरमराई विद्युत व्यवस्था को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रदर्शन खत्म कर काम पर लौटने की अपील की थी, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं झुके. जिसके बाद राज्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों को एस्मा और एनएसए की कार्रवाई करने की भी चेतावनी जारी की है.