Kanpur News: सरकार द्वारा 13 सूत्रीय पुराने समझौते पर अमल न होने से बिजली कर्मचारी आज बेहद नाराज हैं. इसके चलते 113 दिन बाद आज रात 10 बजे से विद्युत कर्मचारी कामकाज बंद करने जा रहे हैं. हालांकि इस कार्य बहिष्कार के दौरान जरूरी सेवाएं ठप नहीं होंगी और बिजली आपूर्ति (Power Supply) प्रभावित रहेगी ऐसा दावा किया जा रहा है. उधर शासन स्तर पर भी हड़ताल से निपटने के लिए कमर कस ली गई है. बिजली कर्मचारियों की छुट्टियां तो रद्द की ही जा चुकी हैं अतिरिक्त कर्मचारी भी जुटाए जा रहे हैं. कानपुर में विद्युत प्रदाता कंपनी केस्को ने 50 से ज्यादा गैंग इस क्राइसिस से निपटने के लिए तैयारी की है. तकनीकी दक्षता रखने वाले और केस्को के पुराने कर्मचारियों को इस हड़ताल से निपटने के लिए बुलाया गया है. कानपुर में विद्युत प्रदाता कंपनी के सात लाख के आसपास उपभोक्ता हैं जिन्हें विद्युत कटौती होने पर फौरन राहत देने के लिए क्राइसिस मैनेजमेंट की रुप रेखा खींच ली गई है. इलेक्ट्रिकल ब्रांच के बच्चे और आईटीआई से प्रोफेशनल को भी इससे निपटने के लिए जुटाया गया है.


72 घंटे के कामकाज ठप्प करने के बाद विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति आगे की रणनीति तय करेगी. समिति ने दावा किया है कि प्रदेश भर के करीब 1 लाख बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया है. इसके चलते कई जगहों पर कार्य प्रभावित हुआ है ऑफिसर्स एसोसिएशन ने इससे इनकार किया है. साथ ही हड़ताल के दौरान 2 घंटे अतिरिक्त काम का आश्वासन दिया है. कॉरपोरेशन का कहना है कि सभी व्यवस्थाएं पहले की तरह सुचारू रूप से चल रही हैं लेकिन समझौते का पालन नहीं होने से विवशता में कार्य बहिष्कार किया जा रहा है. इस बीच केस्को मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक भगवान मिश्रा का कहना है कि बिजली कर्मी ग्राहकों का नुकसान नहीं करना चाहते, पावर का उत्पादन प्रभावित होता है तो कर्मी उसके जिम्मेदार नहीं हैं. आम दिनों में जनता के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं.


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सरकार तमाम चैनल के जरिए बात करने में लगी हुई है
विद्युत आपूर्ति बाधित ना हो इसके लिए सरकार तमाम चैनल के जरिए बात करने में लगी हुई है. जानकार बता रहे हैं कि 13 सूत्रीय मांगों में ऐसी कौन सी मांगे हैं जिनको मान कर बिजली कर्मचारियों को काम पर वापस लाया जाए. इस पर मंथन भी चल रहा है. लेकिन कई ऐसी मांगे भी हैं जिनको तुरंत माना नहीं जा सकता. ऐसे में सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी मुश्किल बढ़ सकती है अगर विद्युत कटौती हुई या कोई नया फॉल्ट होता है तो.