लखनऊ, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश में यूपीपीसीएल फंड घोटाले में पूर्व एमडी एपी मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कई और अफसरों पर जांच की आंच पहुंच सकती है। राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत मिश्रा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जानकारी के मुताबिक इस पूरे प्रकरण में उच्च अधिकारियों की भूमिका को लेकर नाराजगी जताई है। अपने पत्र में उन्होंने विभाग की हो रही किरकिरी को लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय करने व उच्चस्तरीय जांच करने का अनुरोध किया है।
पॉवर कॉरपोरेशन की एमडी अपर्णा यू के ट्रांसफर के बाद प्रमुख सचिव ऊर्जा व यूपीपीसीएल के चेयरमैन आलोक कुमार को भी हटाया जा सकता है। आलोक कुमार आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि मुख्यमंत्री इस मामले में सरकार की फजीहत से नाराज है। प्रमुख सचिव आबकारी संजय भुसरेड्डी को नये प्रमुख सचिव ऊर्जा की जिम्मेदारी मिल सकती है।
लखनऊ पुलिस की लापरवाही आई सामने
इस महाघोटाले में लखनऊ पुलिस की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है। खबर के मुताबिक लखनऊ पुलिस को सितंबर महीने में ही पूरे घोटाले की भनक लग गई थी। पीएफ घोटाले में गिरफ्तार हुए सचिव पीके गुप्ता से 6 करोड़ की रंगदारी मांगी जा रही थी।
अबतक मिली जानकारी के मुताबिक पीके गुप्ता की पत्नी ने 5 सितंबर को हजरतगंज कोतवाली में रंगदारी मांगे जाने का मुकदमा दर्ज कराया था। हजरतगंज पुलिस एक महीने तक गोपनीय जांच करती रही। गोपनीय जांच में बड़े घोटाले की भनक लगी तो जांच अलीगंज ट्रांसफर कर दी गई। इस मामले में हजरतगंज पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर सही तरीके से जांच की जाती तो घोटाला पहले ही उजागर हो जाता।