गाजियाबाद. गाजियाबाद में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार शुरु हो गया है. इस दौरान बिजली कर्मचारियों ने गाजियाबाद के चीफ इंजीनियर दफ्तर पर भी प्रदर्शन किया. यह कार्य बहिष्कार और विरोध प्रदर्शन पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में किया जा रहा है. कर्मचारियों का आरोप है कि निजीकरण होने के बाद ना सिर्फ कर्मचारियों को बल्कि आम उपभोक्ता हैं, जिसमें किसान शामिल हैं, उनको भारी घाटे और परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.


आम उपभोक्ताओं को होगी मुश्किल


बिजली कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार पूर्वांचल विद्युत निगम को प्राइवेट हाथों में सौंपने जा रही है. इस फैसले से न सिर्फ कर्मचारियों के प्रमोशन में परेशानी आएगी बल्कि आम उपभोक्ताओं को भारी दिक्कत और घाटे का सामना करना पड़ेगा. इनका कहना है कि जो कनेक्शन किसान को महज 1700 रुपये में मिल जाता है, उसको मिलने की ही दिक्कत आ जाएगी, बिजली और महंगी हो जाएगी.


धीरे धीरे सभी बिजली निगम हो जाएंगे प्राइवेट


संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले यह प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार किया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश में चार विद्युत निगम हैं. इनका आरोप है कि पहले पूर्वांचल और उसके बाद बाकी निगमों को धीरे धीरे सरकार प्राइवेट हाथों में सौंप देगी. इनके मुताबिक अभी उन्होंने हड़ताल शुरू नहीं की है, अभी सिर्फ कार्य बहिष्कार है. अगर सरकार नहीं चेती तो फिर हड़ताल करने को मजबूर हो जाएंगे.


अब देखना होगा कि क्या इनकी मांग सरकार मानती है या यह कार्य बहिष्कार के बाद अब हड़ताल पर चले जाते हैं, अगर यह हड़ताल पर गए तो निश्चित रूप से आम आदमी की परेशानियां बढ़ने वाली हैं.


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