नई दिल्ली,एबीपी गंगा। सरकारी या गैर सरकारी कंपनियों के कर्मचारी बचत योजना को लेकर हमेशा असमंजस में रहते हैं। हालांकि बैंकों में इससे जुड़ी तमाम योजनाएं हैं। अगर आपको इनके बारे में जानकारी है तो इन योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। ऐसी ही एक योजना है पीपीएफ। इन खातों में ब्याज दर भी आकर्षक है और आपका पैसा महफूज रहता है। इन खातों की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसके अंतर्गत निवेश किया गया मूलधन और उस पर आपको अच्छा ब्याज मिलता है। साथ ही यह टैक्स फ्री होता है। आयकर अधिनियिम के '80 c'के तहत आप छूट प्राप्त कर सकते हैं।


यही नहीं इस योजना के तहत आपको ज्यादा से ज्याद टैक्स में छूट मिलती है। ट्रिपल ई इसकी सबसे बड़ी खासियत है। जिसे टैक्स एक्जेम्ट कहते हैं। निवेश के दौरान आपको छूट मिलती है, ग्रोथ भी छूट के दायरे में आती है, मेच्युरिटी के वक्त मिलती है जो धनराशि मिलती है वह भी छूट के दायरे में आती है।


पीपीएफ पर ब्याज दर 7.9 फीसदी
सरकार ने जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए ब्याज दर 0.10 फीसदी कम कर दी है। अब पीपीएफ खाते पर ब्याज 7.9 फीसदी है। फिलहाल निवेशकों के लिए बचत का अबभी यह सबसे बेहतर और सुरक्षित विकल्पों में हैं, जहां एफडी से पहले आपका पैसा डबल हो जाता है।


इस योजना में निवेश के लिये न्यूनतम और अधिकतम राशि की सीमा भी सुविधाजनक है। 500 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक वार्षिक निवेश किया जाता है और इसका समय 15 साल तक होता है। पीपीएफ खाते को सक्रिय रखने के लिये 500 रुपये तक का न्यूनतम निवेश किया जा सकता है।


पीपीएफ 15 सालों की long term यानी दीर्घकालिक योजना है, कंपाउंडिंग का प्रभाव PPF में सबसे अच्छा है। पीपीएफ में न्यूनतम और अधिकतम वार्षिक निवेश 500 रुपये और 1.5 लाख रुपये है। वहीं, पीपीएफ खाते को सक्रिय रखने के लिए 15 सालों के लिए हर साल पीपीएफ योगदान (PPF contributions) की आवश्यकता होती है। एक वित्तीय वर्ष के दौरान न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करके आप पीपीएफ खाते को सक्रिय रख सकते हैं। पीपीएफ खाते में बकाया राशि पर आपको ब्याज मिलेगा।


पीपीएफ पर कंपाउंडिंग का प्रभाव


उदाहरण के तौर पर, अगर पीपीएफ की ब्याज दर 15 साल की अवधि के दौरान 8 प्रतिशत प्रति वर्ष होती है। तो प्रत्येक वर्ष 1.5 लाख रुपये का निवेश करने पर परिपक्वता मूल्य लगभग 43,50,547 रुपये होगा। जहां 22.5 लाख रुपये मूलधन है और लगभग 21,00,547 लाख रुपये ब्याज होगा। जो ब्याज राशि के रूप में 48.28 प्रतिशत बनाता है।


अब, मान लें कि हर साल केवल शुरुआती 10 वर्षों के लिए 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जाता है और फिर पीपीएफ खाते को सक्रिय रखने के लिए पिछले 5 वर्षों के लिए केवल 500 रुपये का निवेश किया जाता है। तब परिपक्वता मूल्य लगभग 34.5 लाख रुपये होगा, जिसमें 56 प्रतिशत ब्याज है। ऐसे में 2,500 रुपये के कुल अतिरिक्त योगदान पर पिछले पांच वर्षों में अर्जित ब्याज की राशि लगभग 11 लाख रुपये होगी।