Sonbhadra Corruption: मुख्यमंत्री आवास के लिए गांववालों से प्रधान ने लिए दस हजार रुपये, अबतक पूरी नहीं हुआ घर का सपना
Corruption in Government scheme: सोनभद्र में मुख्यमंत्री आवास के नाम पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां प्रधान ने आवास के लिए लोगों से दस-दस हजार रुपये ले लिये.
Corruption in Sonbhadra: एक तरफ प्रदेश सरकार के द्वारा गरीबों को सिर पर छत मिले इसको देखते हुए मुख्यमंत्री आवास योजना (Mukhyamantri Awas Yojna) के अंतर्गत गांव के 29 मुसहर जनजाति को आवास मिला, लेकिन प्रधान (Pradhan) और सेक्रेटरी की मिलीभगत से इन भोले-भाले ग्रामीणों से 10-10 हजार रुपये (Ten thousand Rupees) प्रति लाभार्थी लेने के बाद उनको आवाज बनाने के लिए फंड रिलीज कराया गया. जिसकी वजह से इन आदिवासियों का आवास अभी तक पूर्ण नहीं हो सका. इतना ही नहीं इस मामले में कोई भी अधिकारी मामले की जांच करने नहीं पहुंचा. हालांकि, ग्रामीणों के द्वारा इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल (CM Portal) सहित तमाम आला अधिकारियों से की गई है. जब इस मामले में जिला अधिकारी अभिषेक सिंह से बात की गई तो, उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है और जल्द ही इस मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
प्रधान ने लिये दस हजार रुपये
सोनभद्र के करमा विकासखंड के टिकुरिया गांव मे लगभग 29 मुसहर आदिवासियों को मुख्यमंत्री आवास आवंटित किया गया है, लेकिन यह आवास अभी तक पूर्ण नहीं हो सके हैं. जब इस संबंध में ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, आवास बनाने के लिए प्रथम किश्त रिलीज होते समय ही ग्राम प्रधान के द्वारा 10-10 हजार रुपये यह कह कर ले लिया गया कि, यह पैसा देने के बाद ही अधिकारी आवास बनाने के लिए पैसा रिलीज करेंगे. भोले-भाले ग्रामीणों के द्वारा ग्राम प्रधान को पैसा दे दिया गया जिसकी वजह से अब ग्रामीणों का आवास पूरा नहीं हो सका है.
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
जबकि, ग्रामीण आदिवासी गोविंद का कहना है कि, उसको मुख्यमंत्री आवास मिला हुआ है, लेकिन प्रधान के द्वारा दस हजार ले लिया गया और उसकी मजदूरी के 5000 मांगने पर प्रधान द्वारा ढाई हजार रुपया घूस दिये जाने पर मजदूरी दिलाए जाने की बात की गई. लेकिन गोविंद ने दोबारा ढाई हजार घूस नहीं दी, इसके वजह से उसका मजदूरी का भुगतान नहीं हो सका. इतना ही नहीं पानमती ने बताया कि, उसके बेटे को भी आवास मिला हुआ है और ग्राम प्रधान के द्वारा एक गाड़ी ईंट मंगाया गया, जिसमें 5 लोगों को बांटा गया ईंट कम पड़ने पर वह अपने पास से लगाकर आवास को छत तक तो बनवा लिया, लेकिन आवास में खिड़की दरवाजा पर प्लास्टर का कार्य अभी नहीं करा पाई. इसके लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पोर्टल व डीपीआरओ के पास मामले की शिकायत की लेकिन अभी तक इस मामले में ना तो कोई जांच की गई है और ना ही कोई कार्रवाई होती नजर आ रही है.
जिलाधिकारी ने कही कार्रवाई की बात
हालांकि, जब इस मामले में जिला अधिकारी अभिषेक सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, यह मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं था. मीडिया के माध्यम से ही यह मामला उनके जानकारी में आया है और जल्द ही इस मामले में जांच करा कर इसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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