यूपी के बलिया में एक शख्श ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान पद के लिए महिला आरक्षित सीट हो जाने की वजह से जीवन भर शादी नही करने का संकल्प तोड़ दिया और मंदिर में बिना मुहूर्त के ही अपनी शादी रचा ली. दरअसल तहसील बैरिया के मुरलीछपरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत शिवपुर करनछपरा के जितेंद्र कुमार सिंह पिछली बार के पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान पद का चुनाव लड़े थे और दूसरे नंबर पर रहे थे. इस बार के चुनाव में उन्हें पूरा भरोसा था कि वो चुनाव जीत जाएंगे. लेकिन महिलाओं के लिए आरक्षित सीट घोषित होने उनके दोस्तों ने शादी करने की सलाह दी. इस पर जितेंद्र ने शादी नही करने का संकल्प तोड़ दिया और बिना किसी शुभ मुहूर्त के ही बिहार के छपरा में एक मंदिर में सात फेरे लेकर निधि सिंह से शादी रचा डाली. निधि सिंह ने कहा, मेरे पति ने प्रधान पद का चुनाव लड़ाने के लिए मुझसे शादी की है और मैं उनके सपने को जरूर पूरा करुंगी.
जितेंद्र कुमार सिंह उर्फ हाथी ने वर्षों पहले गांव के विकास के लिए आजीवन शादी नही करने का संकल्प लिया था. लेकिन आज उन्होंने इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान पद का चुनाव लड़ने के लिए गांव वालों और अपने दोस्तों और मित्रों के कहने पर अपना संकल्प तोड़कर शादी रचा ली. जितेंद्र कुमार सिंह 2005 से 2010 तक वार्ड मेंबर रह चुके है. 2015 के चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे थे. उन्होंने कहा, जनता के कहने के अनुसार चुनाव लड़ने के लिए तैयारी की थी. महिला सीट होने पर गांव वालों ने शादी करने की सलाह दी तो मैं मान गया. मेरी 38 साल उम्र है.
जितेंद्र ने बताया कि छपरा के एक हनुमान मंदिर में मैंने साथ फेरे लगाकर शादी की. शादी करने से पहले मैं पत्नी को चुनाव लड़ाने की बात कर चुका था. मेरी पत्नी भी इस फैसले से सहमत है और गांव वाले तो बहुत खुश हैं.
वही जितेंद्र कुमार सिंह उर्फ हाथी की पत्नी निधि सिंह ने कहा, मेरे पति ने मुझसे शादी इसलिए की, क्योंकि वह प्रधानी लड़ना चाहते थे. अब मेरा सपना है कि जो मेरे पति चाहते हैं, उसको मैं पूरा करूं।