Ayodhya News: रामनगरी में भगवान राम के प्रकटोत्सव का हुआ आगाज, कल निकाली जाएगी रामलला की रथयात्रा
कल धूमधाम से कलश को वापस लेकर अयोध्या के संत महंतों के साथ नगर भ्रमण पर भगवान रामलला की रथयात्रा निकाली जाएगी जिसके साथ इस महोत्सव का समापन होगा.
Ayodhya News: रामनगरी में भगवान श्री राम के प्रकटोत्सव का आगाज हो गया है. भगवान श्री राम जन्मभूमि परिसर में वैदिक रीति रिवाज के साथ रामलला के प्रकाटोत्सव महोत्सव का कलश स्थापित हुआ. राम नगरी में भगवान श्री राम के प्रकाटोत्सव का कार्यक्रम 2 दिनों तक चलेगा. यह कार्यक्रम श्री राम जन्म भूमि सेवा समिति द्वारा 1949 से परम्परागत तरीके से चल रहा है. इस वर्ष राम जन्मभूमि परिसर में स्थापना का कलश 1992 के बाद पहली बार स्थापित हुआ. इससे पहले यह कलश का पूजन सांकेतिक तौर पर राम जन्मभूमि मुख्य मार्ग पर सटे हुए क्षीरेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित किया जाता था. अयोध्या विवाद पर फैसला आने के बाद से इस बार इस कलश की स्थापना राम जन्म भूमि के अस्थाई मंदिर में की गई है.
कल निकाली जाएगी रामलला की रथयात्रा
पहले 9 दिन तक भगवान राम लला प्रकाटोत्सव महोत्सव मनाया जाता था. 9 दिन पहले कलश स्थापना कर फिर उस कलश को वापस लाकर क्षीरेश्वर महादेव से भगवान की शोभा यात्रा निकाली जाती थी. अयोध्या के प्रमुख मार्ग से होते हुए भगवान श्री जन्मभूमि के राम कोट की परिक्रमा कर इसका समापन होता था. श्री राम जन्मभूमि सेवा समिति के महामंत्री राम प्रसाद मिश्रा द्वारा प्रकाटोसव महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता था. उनके अस्वस्थ होने के कारण समिति के संयोजक और संरक्षक के द्वारा यह महोत्सव मनाया जा रहा है. जहां कल धूमधाम से कलश को वापस लेकर अयोध्या के संत महंतों के साथ नगर भ्रमण पर भगवान रामलला की रथयात्रा निकाली जाएगी जिसके साथ इस महोत्सव का समापन होगा.
क्या है इतिहास
समिति के संयोजक अर्चित शंकर शुक्ला ने कहा कि पौष शुक्ल पक्ष तृतीय तिथि पर 1949 को अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि में प्रकट हुए थे. तब से यह प्रकाटोत्सव परंपरागत तरीके से मनाया जा रहा है. भगवान की यह प्रकाटोत्सव 1992 की घटना के पहले भगवान रामलला के जन्मभूमि पर मनाया जाता था. भगवान राम लला का 73वां प्रकाटोत्सव मनाया जा रहा है जिसके लिए कलश स्थापना की जाती है और पौष शुक्ल की तृतीया को रामकोट की सांस्कृतिक सीमा की परिक्रमा कलश के साथ संत महंतों की अगुवाई में की जाएगी. पिछले वर्ष की तरह ही इस कार्यक्रम को मनाया जा रहा है. भगवान श्री राम लला का मंदिर भव्य बन रहा है भगवान की कृपा से आगे और भव्य तरीके से इस कार्यक्रम को करते रहेंगे.
वहीं समिति के संरक्षक गिरीश दास ने कहा कि यह कार्यक्रम बहुत प्राचीन समय से मनाया जा रहा है. 1949 से समिति के द्वारा निरंतर इस महोत्सव को मनाया जा रहा है. पूर्व की भांति आज कलश रामलला को पूजन अर्चन करके सौंपा गया है और कल कलश को लेकर रामलला के सांस्कृतिक सीमा रामकोट की परिक्रमा की जाएगी. एक तिथि निश्चित है उसी समय भगवान राम लला के रामकोट की परिक्रमा कर उनके चरणों में अपनी श्रद्धा निवेदित करते हैं.
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