UP News: चुनावी रणनीतिकार और जन सुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर ने यूपी में बीजेपी की हार पर जवाब दिया है. एक निजी चैनल के साथ साक्षात्कार में उनसे यूपी में बीजेपी की हार की वजह पूछी गई. इस दौरान सवाल हुआ कि क्या अमित शाह और CM योगी की आपस की तकरार से BJP को यूपी में नुकसान हुआ?


इसपर प्रशांत किशोर ने कहा, 'मैं उसको व्यक्तिगत तकरार के तौर पर नहीं देखता हूं. लेकिन अगर व्यापक तौर पर देखें तो आपको इसका उदाहरण 2009 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. जब मोदी जी बीजेपी के नए चेहरे के तौर पर उभर रहे थे और आडवाणी जी बीजेपी के लीडर थे. उस वक्त गुजरात में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को बहुत अच्छी सफलता नहीं मिली थी.'


चुनावी रणनीतिकार ने कहा, 'जब मैंने 2012 में वहां काम किया तो कि 2009 में मोदी जी कैंपेन के इंचार्ज थे और आडवाणी जी को प्रधानमंत्री बनना था. इसके बाद भी वह सफलता क्यों नहीं मिली. ऐसा नहीं है कि मोदी जी ने उस कैंपेन को कुछ किया. लेकिन जो मोदी जी के समर्थक हैं उनके दिमाग में ये बात रही है कि अगर आडवाणी जी जीते तो मोदी जी को आगे पहुंचने में ज्यादा वक्त लग जाएगा.'


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उन्होंने कहा, 'उसमें मुझे ये लग रहा है कि यूपी में भी ये हुआ होगा. कई लोगों को ऐसा लगा कि मोदी जी और अमित शाह बहुत बड़ी बहुमत से वापस आते हैं तो उससे योगी जी के कुर्सी पर खतरा हो सकता है. ये चर्चा खुलकर गावों में हुई है. अरविंद केजरीवाल ने उस वक्त राजनीति तौर पर बहुत सटीक बयान दिया था. मैं बिहार में पैदल चल रहा था तो लोग पूछ रहे थे.'


इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'लोग पूछ रहे थे कि क्या 400 सीट आ जाएगी तो क्या योगी को हटा देंगे. ये दिखाता है कि समर्थकों में ये बात पहुंच गई थी. लेकिन ये नहीं है कि उन्होंने अपने समर्थकों तक ऐसा कुछ कहा होगा.'