Prashant Kishore News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी देश के नेतृत्व की कमान संभाल ली हैं. केंद्र में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन गई है बावजूद इसके यूपी में बीजेपी की हार चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी के लिए यूपी से ऐसे नतीजे आएंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं था. खासतौर से राम नगरी अयोध्या में बीजेपी हारी उसे लेकर भी कई तरह के कयास लग रहे हैं. क्या बीजेपी के लिए अब हिन्दुत्व का मुद्दा खत्म हो गया है?


इन तमाम सवालों के जवाब राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने दिए हैं. टीवी टुडे से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने सबसे पहले जनवरी महीने में ही कहा था जब राम मंदिर पीक पर था कि इसका कोई फायदा बीजेपी को नहीं होने वाला है. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि बीजेपी के लिए हिन्दुत्व की मुद्दा खत्म हो गया है.


हिन्दुत्व का मुद्दा छोड़ देगी बीजेपी?
प्रशांत किशोर ने कहा, "हिन्दुत्व बीजेपी का कोर हैं.. वो कॉफी है.. जिसमें फ्रॉथ (छाग) थोड़ा कम हो गया है इस चुनाव में..इसका मतलब ये नहीं की बीजेपी हिन्दुत्व को छोड़कर कुछ करने लगेगी. हम गांव-देहात में जहां पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में आप जितना विश्व गुरू की बात कर लो..राम मंदिर की बात करो.. सेक्युलरिज्म की बात कर लो..कोई तरीका नहीं है कि आप सबको खुश कर सको. 


उन्होंने कहा बीजेपी हिन्दुत्व पर आगे भी चलती रहेगी.. बस थोड़ा सा इधर-उधर हो सकता है. उन्होंने कहा कि, 2004 में जब वाजपेयी की सरकार हारी थी क्या उसके बाद बीजेपी ने हिन्दुत्व को छोड़ दिया. अगर तब नहीं छोड़ा तो अब क्यों एक झटके में छोड़ देगी. विपक्ष बस ये सवाल उठा रहा है कि पीएम मोदी गठबंधन की सरकार कैसे चलाएंगे. 


दरअसल यूपी का अयोध्या लोकसभा सीट बीजेपी के लिए प्रयोगशाला की तरह थी. केंद्र और राज्य सरकार ने यहां खूब विकास किया, राम मंदिर बनवाया और इसका पूरे देश में प्रचार प्रसार किया गया. अयोध्या में एयरपोर्ट बना..रेलवे स्टेशन बना..हाईवे बने..होटल्स बने और तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए. अयोध्या को बीजेपी के लिए सबसे आसान सीट माना जा रहा था बावजूद इसके यहां पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.  


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