Pratapgarh News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है, जिसके चलते मरीज परेशान हो रहे हैं. अस्पताल में ओटी से लेकर एक्सरे तक की व्यवस्था की गई थी, लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते रख-रखाव के अभाव में अस्पताल खुद दम तोड़ रहा है क्योंकि जो डॉक्टर और स्टाफ तैनात हैं वो अस्पताल नहीं आते है. दरअसल, प्रतापगढ़ के सीएचसी गजराही में लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 30 बेड का अस्पताल 1995 में बनाया गया था.


इस अस्पताल में जांच के लिए पैथोलॉजी से लेकर एक्सरे और ऑपरेशन थियेटर तक बनाया गया है और अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. वहीं ऑपरेशन थिएटर के उपकरणों पर धूल की मोटी परत जमा है, जिससे पता चलता है कि इसका इस्तेमाल कभी होता ही नहीं है. इतना ही नहीं रखरखाव के अभाव में भवन भी जर्जर हो चला है, खिड़की और दरवाजे भी टूट चुके हैं बेड़ों में जंग लग गए हैं. अलबत्ता बाहर से रंगरोगन दिखाई दे रहा है.


इन समस्याओं से जूझ रहा अस्पताल
अस्पताल में जनरेटर न होने से एक्सरे होने में समस्या होती है. इस अस्पताल में अधीक्षक समेत पांच डॉक्टरों की तैनाती के साथ तकनीकी और पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती हुई थी, लेकिन बदहाली का आलम यह है कि इस अस्पताल में अधीक्षक के अलावा एक दन्त चिकित्सक ही आते हैं और 24 घंटे इलाज की बजाय महज 2 बजे ही अस्पताल में ताला लग जाता है, प्रसूति के लिए भी महिलाओं को मुख्यालय जाना पड़ता है. इस अस्पताल की बदहाली की बाबत सीएमओ डॉ. गिरेन्द्र मोहन शुक्ल का कहना है कि पांच डॉक्टरों की तैनाती होनी चाहिए लेकिन तीन डॉक्टर तैनात है, पैरा मेडिकल स्टाफ की भी कमी है. अस्पताल जर्जर हो गया है, इसके लिए शासन को पत्र लिखा गया है.


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