Pratapgarh Fraud News: उत्तर प्रदेश (UP) के प्रतापगढ़ में ठगों की ओर से बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) की अलग-अलग शाखाओं में से खाता धारकों के चेक क्लोन कर सवा करोड़ रुपये निकालने का मामला सामने आया. इसके बाद मामले में अंतरराज्यीय गिरोह के तीन ठगों को दिल्ली (Delhi) से गिरफ्तार किया गया है. साथ ही तमाम चेक बरामद कर लिए गए हैं. ठग फेक आधार कार्ड बनाकर फर्जी खाते खोलते थे और बैंकिंग सिस्टम की कमियों लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर ठगी को अंजाम दिया. वहीं प्रतापगढ़ पुलिस की कार्रवाई के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने बैंकिंग सिस्टम में बदलाव किया है. 22 जून को बैंक ने पत्र भी जारी किया है.


प्रतापगढ़ में बैंक ऑफ बड़ौदा की डेरवा शाखा से 27 मई को चेक क्लोन कर रुपये निकालने का खेल शुरू हुआ था, जहां 11 लाख 74 हजार 100 रुपये निकालने के बाद फिर से 9 जून को इसी ब्रांच से 17 लाख 65 हजार छह सौ, 10 जून को अंतू ब्रांच के 4 खातों से 34 लाख 07 हजार पांच सौ, 11जून को बैंक ऑफ बड़ौदा की मेन ब्रांच से 35 लाख और 18 जून को 25 लाख रुपये निकाल गए. इन मामलों में पीड़ित लोगों ने मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस के कान खड़े हो गए. इसके बाद जांच के लिए एसपी सतपाल अंतिल ने ट्रेनी आईपीएस अमृत जैन की अगुआई में एसएसआई विनीत उपाध्याय, एसआई सतीश यादव के साथ सर्विलांस और आईटी एक्सपर्ट की टीम को लगाया. इस टीम ने दिल्ली से आशिक उर्फ आर्यन शर्मा, सुरेन्द्र सिंह और अरुण कुमार को गिरफ्तार कर लिया.


अभी तक बैंक ऑफ बड़ौदा को ही बनाया था निशाना


बताया जा रहा है कि अरुण कुमार दर्जन भर नामों से आईडी बना रखा है, जिसमें पैसे ट्रांसफर करता था. पकड़े गए लोग फर्जी नामों, आधार कार्ड और मोबाइल से करेंट एकाउंट खोलकर फर्जी पैन और जीएसटी भी ले लेते थे. अब तक की जांच में इन लोगों ने बैंक ऑफ बड़ौदा को ही निशाना बनाया है, क्योंकि इस बैंक के कर्मियों से इनकी सांठगांठ थी, ये लोग उसी चेक नंबर का क्लोन बनाते थे, जिस नंबर को उपभोक्ता इस्तेमाल नहीं किया होता था. ये जानकारी बैंककर्मियों से मिलती थी. इतना ही नहीं चेक क्लियरिंग करने वाला कर्मचारी भी इनके साथ मिला होता था. ठगी के रुपयों को गैर राष्ट्रीय कृत बैंकों के एटीएम से भी निकाल रहे थे क्योंकि वहां एटीएम की लिमिट ज्यादा होती है.


वाराणसी रेंज के आस-पास ज्यादा लोग प्रभावित


एसपी सतपाल अंतिल ने बताया कि वाराणसी रेंज के आस-पास ज्यादा लोग प्रभावित हैं और इस तरह के पीड़ितों की खोज शुरू हो गई जो इस खुलासे के बाद सामने आने की संभावना है. अभी जांच जारी है, अपराधियों के और बड़े नेटवर्क के साथ बैंककर्मियों और आधार केंद्रों की भी जांच चल रही है. इस बात की जानकारी बैंक के हायर ऑफिसर की जानकारी में लाया गया, जिसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने सिस्टम में 22 जून को बदलाव करते हुए पत्र जारी किया है.


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