UP News: यूपी के प्रतापगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. 9 शिक्षिकाएं पिछले 6 वर्षों से जाली सर्टिफिकेट पर सहायक अध्यापिका के तौर पर ड्यूटी कर रही थी. ये शिक्षिका फर्जीवाड़ा करके टीईटी का प्रमाणपत्र हासिल की. 2016-17 में आयी 69 हजार शिक्षक की भर्ती में ये सभी शिक्षक बन गई थी. ऑनलाइन सत्यापन में यह फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. अब बेसिक शिक्षा विभाग इन फ्रॉड शिक्षिकाओं के खिलाफ कर्रवाई की तैयारी में है. विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से शिक्षिका बनी 9 शिक्षिकाओं का नाम मीरा देवी, सीमा देवी, कंचन कुमारी, निधि सिंह, संगीता देवी, सीमा कोरी, बिंदू देवी, सुमित्रा मौर्या और रुचि प्रजापति है.


फर्जीवाड़े में विभागीय अधिकारी संलिप्त


ये सभी साल 2016 में हुई 69 हजार शिक्षक भर्ती में चयनित हुई थी और तभी से लगातार शिक्षण का कार्य कर रही थीं. शिक्षकों के चयन के बाद सभी प्रमाणपत्र विभाग जमा कर लेता है और इन प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए भेजा जाता है. तथ्य सही पाए जाने के बाद शिक्षकों को एरियर के रूप में भुगतान किया जाता है. इस प्रक्रिया को विभागीय कर्मचारियों ने दबा रखा था जिसके चलते इन सभी का भुगतान भी लंबित था. इसके बावजूद भी ये लगातार ड्यूटी करती रहीं ताकि समय आने पर एक मुश्त भुगतान मिल जाएगा. इस फर्जीवाड़े में संलिप्त विभागीय कर्मचारी भी उचित समय का इंतजार कर रहे थे. ऑफलाइन जांच में इस फर्जीवाड़े को विभागीय कर्मचारियों ने दबा दिया लेकिन ऑनलाइन जांच में फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आ गया.


बेसिक शिक्षा अधिकारी ने क्या कहा?


इस फर्जीवाड़े को लेकर एबीपी गंगा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र सिंह से बात की. बातचीत में उन्होंने कहा "2016 में 69 हजार भर्ती में टीईटी का फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौ महिलाओं ने काउंसिलिंग कराकर शिक्षिका के पद पर कब्जा कर लिया था." पहले ऑनलाइन सत्यापन में मामला फर्जी पाया गया फिर मैंने ऑफलाइन सत्यापन बीइओ को भेजकर कराया तो उसमें भी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. सभी नौ शिक्षिकाओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए सम्बंधित बीईओ को निर्देश जारी कर दिया गया है. रिकवरी को लेकर अधिकारी ने बताया कि इन शिक्षिकाओं को अभी तक वेतन नहीं मिला है इसलिए रिकवरी नहीं बनती है. कर्मचारियों की भूमिका सामने आती है तो उन पर भी कार्यवाई की जाएगी. इसके पहले भी कई शिक्षकों और शिक्षिकाओं पर इस तरह की कार्यवाई की जा चुकी है. अभी शिक्षकों की भर्तियों के मामले में व्यापक जांच होगी तो और भी बड़ा खुलासा सामने आ सकता है.


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