UP News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की स्वास्थ्य सेवा (Health Service) पूरी तरह से बदहाल है, डॉक्टरों (Doctor) और पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical Staff) की कमी से जूझ रहा. प्रतापगढ़ जिले में दम तोड़ती चिकित्सा व्यवस्था (Medical System) के बीच मरीजों का इलाज कैसे हो रहा है. वैसे तो जिले में अर्बन अस्पताल (Urban Hospital) और टीबी अस्पताल (TB Hospital) मिलाकर 102 चिकित्सालय हैं. इसमें से 29 सीएचसी है, 


किस विभाग में कितने हैं रिक्त?
सीएचसी के मामले में उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ औव्वल है. इतनी सीएचसी शायद ही किसी जिले में हो, लेकिन जिले में डॉक्टरों, विशेज्ञ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का पूरी तरह से अभाव है. वहीं एक भी स्पेसलिस्ट डॉक्टर नहीं हैं. कुल 102 अस्पतालों में 173 डॉक्टर तैनात हैं, जबकि 88 डॉक्टरों की कमी है. फार्मासिस्ट 108 तैनात हैं तो 11 पद रिक्त चल रहे हैं. चीफ फार्मासिस्ट की आधी संख्या छह कार्यरत है तो छह पद रिक्त हैं. एलटी 32 कार्यरत हैं, तो 13 पद रिक्त चल रहे हैं. डेंटल डॉक्टर 14 कार्यरत है तो 13 पद रिक्त पड़े हैं. स्टाफ नर्स महज 32 कार्यरत हैं तो वहीं 150 पद रिक्त चल रहे हैं. जबकि नेत्र परीक्षण के 10 तैनात हैं तो सात पद रिक्त हैं. अपर शोध अधिकारी के पद पर महज पांच तैनाती है जबकि 14 पद खाली पड़े हैं. 


UP News: उत्तर प्रदेश में 4 मई तक पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द, CM योगी ने दिए ये निर्देश


डॉक्टरों का बड़ा अभाव
जिला मलेरिया अफसर का एक पद है जो रिक्त है. वहीं अपर मलेरिया अधिकारी के दो पद हैं उस पर कोई तैनाती नहीं है. एक्सरे डिपार्टमेंट में तकनीशियन और डार्करूम सहायक के 18-18 पद है जबकि महज 9-9 की तैनाती है. वरिष्ठ सहायक के 32 पद है लेकिन 10 पदों पर ही कर्मचारी है तो वहीं कनिष्ठ सहायक के 16 पदों के सापेक्ष महज 6 की तैनाती है. अपर सीएमओ 8 के सापेक्ष 4 हैं तो वहीं डिप्टी सीएमओ तो 8 के बजाय महज एक ही तैनात है. विशेषज्ञ डॉक्टरों का पूरी तरह अभाव है. ऐसे में बड़ा सवाल की जब डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का ही अभाव है तो सीएचसी, पीएचसी और अन्य सरकारी अस्पतालों में कैसे होगा. समुचित इलाज और कैसे 24 घंटे इमरजेंसी सेवाएं दे पाएगा. आखिर सरकार कब जागेगी और नागरिकों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं कब मिलेगी. मरीजों की भारी भीड़ के चलते अक्सर तनाव में आ जाते हैं, डॉक्टर और इन्हीं कारणों से भीड़ बढ़ रही है.


क्या बोले सीएमओ?
अरविंद श्रीवास्तव सीएमओ ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतापगढ़ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अधीन लगभग 102 अस्पताल हैं. जिसमें 88 डॉक्टरों की कमी है, 150 स्टाफ नर्सों की कमी है, 11 फार्मासिस्ट की, 13-13 डेन्टल और लैब टेक्नीशियन की कमी है और 18 एक्स्ट्रा टेक्नीशियन की कमी है. कुल मिलाकर इतना स्टाफ कम है कि जो नए अस्पताल बने हैं या जो पुराने अस्पताल चल रहे हैं. उन्हें सुचारु रुप से चलाने बेहद कठिन है.


ये भी पढ़ें-


UP Weather Forecast: यूपी में जल्द मिलेगी तपती गर्मी से राहत, मौसम विभाग ने इस दिन जताई बारिश की संभावना