UP News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में एक तरफ पुलिस और प्रशासनिक टीम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अगवानी में व्यस्त थी. वहीं हिस्ट्रीशीटर बीडीसी (BDC) के घर भौतिक सत्यापन को पहुंची पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर और परिजनों ने हमला बोल दिया. इस दौरान पुलिस टीम पर पथराव भी किया गया. हमले में सब-इंस्पेक्टर मुसाफिर यादव घायल हो गए. पथराव के चलते पुलिस को जान बचाने के लिए लाले पड़ गए और दूसरों के घरों में छिप कर पुलिसकर्मियों ने खुद को बचाया.


हिस्ट्रीशीटर की मां का आरोप
हालांकि हिस्ट्रीशीटर राजेश यादव की मां ने विलखते हुए पथराव की घटना से इनकार किया और पुलिस पर ही मारपीट करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि हमारा बेटा राजेश घर के पीछे स्थित खेत को ट्रैक्टर से जोत रहा था कि इसी दौरान चार पांच लोग पहुंचे. वे मेरे बेटे को मारपीट कर घसीट रहे थे और पकड़ कर लिए जा रहे थे. कुछ लोग खड़े थे, पुलिस वाले थे और थाने के दरोगा भी थे.


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क्या बोले सदर सीओ?
घटना के बाबत सीओ सदर पवन त्रिवेदी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर अपराधी के भौतिक सत्यापन हेतु जेठवारा पुलिस पतुलकी गांव में गई थी. जहां पुलिस टीम से झड़प और अभद्रता कर कार्य में बांधा डाली गई. थाना जेठवारा के उप निरीक्षक मुसाफिर यादव ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर एचएस नंबर 182-A पृथ्वीपाल सिंह के बेटे राजेश यादव उर्फ मुन्ना के घर जाकर सत्यापन किया जा रहा था. इस दौरान राजेश यादव और उसके परिजनों द्वारा सत्यापन का विरोध करते हुए कार्य में बांधा डाली गई.


सीओ ने बताया कि इस दौरान पुलिस टीम से झड़प और अभद्रता की गई. इस घटना के संबंध में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है और अग्रिम विधिक कार्यवाई जारी है. बता दें कि भौतिक सत्यापन के दौरान इस तरह की कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी पुलिस पर भौतिक सत्यापन के दौरान हमले हुए हैं. यहां तक कि रानीगंज कोतवाली इलाके में भौतिक सत्यापन के दौरान सिपाही को गोली मार दी गई थी. जिसकी अस्पताल ले जाते समय मौत भी हो गई थी.


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