Pratapgarh News :उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों को बंधक बनाये जाने की खबर सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल वितरण में धन उगाही की जांच के लिए पहुँचे डीसीपीएम मो.नाजिम और बीपीसीएम सुरभि जायसवाल को आशा बहुओं ने बंधक बनाकर सीएचसी के कमरे में बंद कर बाहर से ताला जड़ दिया. सीएमओ के आदेश पर डीसीपीएम मो. नाजिम मोबाइल वितरण में धन उगाही के मामले की जांच के लिए पहुंचे थे. पूछताछ के दौरान आशा बहुओं को कुछ बातें अच्छी नहीं लगी,जिससे गुस्से में आकर आशा बहुओं ने इस घटना को अंजाम दिया.उसके बाद नारेबाजी भी की गई.


क्या है मामला


 बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा आशाओं को मोबाइल फोन दिया गया था जिसके वितरण में बीपीसीएम धन उगाही कर रही थी. इसके विरोध में पिछले सप्ताह आशा बहुओं ने सीएचसी में विरोध प्रदर्शन किया था. साथ ही इस अनियमितता के संबंध में विधायक से शिकायत भी की.


विधायक के हस्तक्षेप के बाद सीएमओ ने तत्काल सीएचसी अधीक्षक का तबादला कर दिया और जांच के आदेश दिए थे. इसीलिए गुरुवार को डीसीपीएम जांच के लिए गए थे और आशा कर्मियों के गुस्से का शिकार हो गए.


आशा बहु किरणबाला श्रीवास्तव ने बताया "हम लोग  200- 700 रुपये लिए जाते है.उसकी जांच करने जिले के डीसीपीएम आए हैं. वो लुटेरे हैं. इसीलिए हम लोगों ने ताला बंद किया है."


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सीएमओ अरविंद श्रीवास्तव ने क्या कहा


सीएमओ अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि कुछ आशा कर्मी के द्वारा पिछले दस दिनों से बीसीपीएम सुरभि जायसवाल को हटाने का अभियान चलाया गया ताकि काम ना करना पड़े. सीएमओ ने कहा कि आज इस मामले को शांत करने के लिए डीसीपीएम को भेजा और सीएचसी अधीक्षक को उनके पद से हटा दिया गया. साथ ही  बीसीपीएम को भी स्थान्तरित कर दिया है.


अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि संदिग्ध भूमिका की वजह से एक ऑपरेटर को भी हटाया गया है. सीएमओ के अनुसार मोबाइल का वितरण अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ जिसकी विडियो  रिकॉर्डिंग भी हुई. अगर पैसे मांगे गए थे तो पहले मुझसे शिकायत करनी चाहिए थी.


अरविंद श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि इस सब घटना के पीछे आशा कार्मी किरणबाला श्रीवास्तव है. किन्हीं कारणों से उनका संगिनी में चयन नहीं हो पाया था जिसकी वजह से वह इस तरह का हंगामा कर रही हैं.


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