Pratapgarh News: भारी मुसीबत! बांस के पुल से निकालना पड़ा जनाजा, खतरे में पड़ी लोगों की जान
Pratapgarh News: प्रतापगढ़ सदर तहसील के नूरपुर लोग जर्जर हो चुके बांस के पुल से गुजरने को मजबूर हैं. इस पुल के बीच का हिस्सा बैठ गया है बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर इसका इस्तेमाल करते हैं.
Pratapgarh Bridge: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में नदी को पार करने के लिए आज भी लोगों को बांस के पुल (Bridge) का सहारा लेना पड़ता है. आलम ये हैं कि आजादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) में भी ये इलाका विकास को तरस रहा है. नदी पर बने बांस के टूटे हुए पुल पर जान जोखिम में डालकर गुजरना ही यहां के लोगों की नियती बन चुका है. इस पुल से न सिर्फ बड़े और बुजुर्ग बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी स्कूल जाने के लिए निकलते हैं. पिछले दिनों यहां का एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें लोग यहां से जनाजा निकालते दिखाई दिए.
प्रतापगढ़ सदर तहसील के मान्धाता ब्लाक के नूरपुर का इलाका प्रयागराज मण्डल मुख्यालय से सटा हुआ है. बावजूद इसके यहां का विकास पूरी तरह से अछूता है, यहां के लोगों ने नदी को पार करने के लिए बांस और लकड़ी की मदद से एक पुल का निर्माण किया था जो अब जर्जर होकर टूट गया है. बीच का हिस्सा बैठ गया है बावजूद इसके लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल का इस्तेमाल करते हैं. यही नहीं बच्चों के स्कूल जाने का भी यही रास्ता है, जिसकी वजह से छोटे-छोटे बच्चे भी इस पुल से गुजरने को मजबूर हैं.
पिछले दिनों इस पुल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें कुछ लोग इस पुलिस से जनाजा लेकर गुजर रहे थे. इस दौरान सभी लोग जनाजे के पीछे-पीछे पुल से गुजरते हुए दिखाई दिए, इस दौरान कुछ लोगों को बैलेंस भी बिगड़ गया और वो पानी में गिर गए थे.
जर्जर पुल से गुजरने को मजबूर लोग
पुल के नीचे से गुजरने वाली नदी बालकुनी है. ये नदी पौराणिक है, इसका रामायण में भी जिक्र किया गया है, हालांकि अब इसका नाम अपभ्रंश होते होते बकुलाही हो चुका है. इस नदी के पास से ही शारदा सहायक नहर गुजरती है जिसकी वजह से ये नदी सालभर पानी से लबालब रहती है. इस नदी के दोनों तरफ के लोगों को रोजाना यहां से काम के सिलसिले में गुजरना पड़ता है. जिसके लिए ग्रामीण बांस और लकड़ी के बने इस पुल को इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं. ये पुल भी जर्जर हालत में पहुंच गया है लेकिन यहां के लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.
ऐसा ही नजारा इसी नदी के किनारे बसे पहाड़पुर और गजेहड़ा गांव के बीच का भी है. इस बाबत जब एबीपी गंगा ने अपर जिलाधिकारी त्रिभुवन विश्वकर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि नूरपुर गांव में बांस बल्ली का एक पुल बना था जो क्षतिग्रस्त हो गया है और वहां के ग्रामीण नदी के बीच गुजरने को मजबूर हैं. प्रशासन को इस बात की जानकारी मिली है. इसके लिए एसडीएम को रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है, एसडीएम की रिपोर्ट मिलते ही जल्द ही यहां पर पक्के पुल का निर्माण कराया जाएगा.
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