Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में राजा भइया के इलाके में प्राथमिक विद्यालय (Primary School) टापू में तब्दील हो गया है. तालाब का पानी बढ़ने के चलते जो पगडंडी स्कूल को जाती है वह पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है. विद्यालय जाने के लिए अध्यापक लगभग 400 मीटर दूर गाड़ियां खड़ी करते हैं. छात्रों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए बारी-बारी से एक अभिभावक की ड्यूटी होती है. ऐसा नजारा कुंडा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय टिकुरी दसरथपुर में देखने को मिला. यह प्राथमिक विद्यालय राजा भइया के गढ़ में स्थित है. 


जान जोखिम में डालकर गुजर रहे
विद्यालय आने-जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. प्रधान से लेकर अधिकारियों तक से शिकायत की गई लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि विद्यालय जाने के लिए अध्यापक, अध्यापिकाओं से लेकर छात्रों तक को घुटनों तक पानी से जान जोखिम में डाल कर गुजरना पड़ रहा है. पगडंडी के बगल से एक अभिभावक लाठी लेकर चल रहे हैं ताकि नौनिहालों को जलीय जन्तुओं सांप बिच्छुओं के खतरों से सुरक्षित स्कूल तक पहुंचाया जा सके. यही हाल स्कूल से वापसी का भी रहता है. इस बाबत छात्र का कहना है कि रोज स्कूल आने जाने में बहुत दिक्कत होती है. सांप बिच्छू का भी डर रहता है.


UP Politics: आज से लखनऊ में शुरू होगा सपा का दो दिवसीय अधिवेशन, कल होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव


क्या कहना है गांव वालों का
इस स्कूल के हालात पर ग्रामीण का कहना है कि हमारे गांव टिकुरी दशरथपुर में प्राथमिक विद्यालय है. विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई भी संपर्क मार्ग नहीं है, बीच में तालाब पड़ता है. सारे बच्चे इसी तालाब से होकर जाते हैं और विद्यालय पहुंचते हैं. एक अभिभावक को बच्चों को विद्यालय तक पहुंचाने जाना पड़ता है. हमारे बचपन से लेकर आज तक लगभग 37 साल से कोई रास्ता नहीं है. ये विद्यालय सन 1932 का है.


क्या कहना है शिक्षक का
विद्यालय के शिक्षक का दावा है कि, इस विद्यालय के लिए रास्ते को लेकर हम लोगों ने शिकायत की. जैसे ही सत्र शुरू हुआ प्रधानाध्यापक ने ग्राम प्रधान को बुलाकर मीटिंग की. इसके लिए अप्रैल माह में हम लोगों ने एसडीएम को भी अवगत कराया और अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया. रास्ते की स्थिति ऐसी है कि 400 मीटर पहले ही गाड़ी खड़ी करके पैदल आते हैं. गांठ तक पानी रहता है. बच्चों को समस्या रहती है. हम लोगों ने 4 से 5 दिन बच्चों को विद्यालय आने नहीं दिया था क्योंकि सांप, बिच्छू और बहुत से कीड़े मकोड़े रहते हैं. छोटे बच्चे हैं इसलिए चोट भी लगने का खतरा रहता है, इसलिए हमने स्कूल बन्द कर दिया था और विभाग को अवगत करा दिया है.


प्रिंसिपल ने क्या कहा
इस बाबत विद्यालय के प्रधानाध्यापक चंद्रभान सिंह ने थोड़ा डरते हुए कहा कि, इसकी शिकायत तो हमने नहीं की लेकिन मांग हमने किया था कि जलभराव की समस्या हमारे साथ काफी दिनों से बनी हुई है. जैसे ही विद्यालय खुलता है ये समस्या और भी ज्यादा जटिल हो जाती है, इसका समाधान होना चाहिए. इस समस्या से ग्राम प्रधान और उच्चअधिकारियों को काफी दिन पहले अप्रैल माह में ही अवगत करा दिया गया था. अपने विभाग को भी सूचित कर दिया था. हम और बच्चे रोज इस समस्या से गुजरते हैं.


UP Breaking News Live: आज ज्ञानवापी मामले में सुनवाई करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट, सर्वे कराए जाने के खिलाफ है याचिका