उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के पांच-पांच लाख रुपये के इनामी पूर्व ब्लॉक प्रमुख सभापति यादव और उसके भाई पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष यादव को कोलकाता से लेकर पुलिस प्रतापगढ़ पहुंची. गत सप्ताह कोलकाता के सियालदह जंक्शन से लेनदेन के विवाद में जीआरपी ने इन्हें गिरफ्तार किया था. ये इनमिया यादव बन्धु आसपुर देवसरा के विनैका गांव के रहने वाले हैं.


दर्जनों मुकदमें दर्ज
प्रतापगढ़ पुलिस को लगभग दो साल से इन गैंगस्टर बंधुओं की दर्जनों मुकदमों में तलाश थी. इन्हें पकड़ पाने में जिले की पुलिस नाकाम रही थी. नाटकीय घटनाक्रम के बाद सपा नेता और पूर्व ब्लॉक प्रमुख सभापति यादव और उसके भाई और पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुभाष यादव को गिरफ्तार किया गया. इस बात की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो प्रतापगढ़ पुलिस की बांछे खिल गईं. पुलिस कोलकाता सम्पर्क करके इस मामले की पुष्टि में जुट गई.


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पूछताछ की जा रही
5-5 लाख के इनमिया यादव बंधुओं को लेने के लिए पुलिस की टीम कोलकाता रवाना हो गई. अदालत से ट्रांजिट रिमांड के बाद यादव बंधुओं को कस्टडी में लेकर पुलिस प्रतापगढ़ रवाना हुई. इस दौरान विवेचक की टीम ने एक ढाबे के पास गैंगेस्टर यादव बंधुओं की गाड़ी में बैठे हुए वीडियो बनाकर कुछ लोगों तक पहुचा दिया. प्रतापगढ़ पुलिस भोर में यादव बंधुओं को लेकर पहुंची. पुलिस अज्ञात स्थान पर रखकर उनसे पूछताछ करने में जुटी है.


रिमांड का प्रयास
सूत्रों की माने तो उन्हें थाने में बेहद गोपनीय तरीके से रखा गया है और पूछताछ की जा रही है. पूछताछ पूरी होने के बाद पुलिस उनका मेडिकल कराकर रिमांड ऑफिसर से रिमांड हासिल करने का प्रयास करेगी. 5-5 लाख के इनमिया यादव बंधुओं को कोलकाता से प्रतापगढ़ लाते समय एनकाउंटर की भी चर्चाएं हो रही थीं. हालांकि अब इस पर विराम लग गया है. 


पत्नी जिला पंचायत सदस्य
सभापति यादव की पूर्व मंत्री मोती सिंह से पुरानी राजनीतिक अदावत के भी चर्चे हो रहे थे. सभापति यादव कभी बसपा तो कभी निषादराज पार्टी का हिस्सा रहा है. लंबे अरसे तक वह समाजवादी पार्टी के साथ रहा. पांच लाख के इनमिया सभापति यादव जिसपर 41 मुकदमे दर्ज हैं आसपुर देवसरा ब्लाक के प्रमुख के अलावा जिलापंचायत सदस्य भी रहा है. उसकी पत्नी माधुरी भी ब्लाक प्रमुख रही है और वर्तमान में जिलापंचायत सदस्य है. पत्नी ने सपा के टिकट पर जिला पंचायत अध्यक्ष  का चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा. 


बुलडोजर चल चुका है
इतना ही नहीं सभापति का छोटा भाई सुभाष यादव भी जिलापंचायत सदस्य रह चुका है. उसपर कुल 29 मुकदमें दर्ज हैं और उसपर भी सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है. सभापति के यदुवंशी किले पर पुलिस पहले ही बुलडोजर चला चुकी है. इनमिया यादव बन्धु आसपुर देवसरा थाने के विनैका गांव के रहने वाले हैं.


एसपी ने क्या बताया
एसपी सतपाल एंटिल ने बताया कि ये दो अपराधी जिनका नाम सुभाष यादव और सभापति यादव है पर गंभीर धाराओं में लगभग तीन दर्जन मुकदमे दर्ज हैं. साथ ही इन पर पूर्व में पांच लाख रुपए का इनाम भी घोषित था. इनकी सूचना सोशल मीडिया पर जिले की पुलिस को प्राप्त हुई जिसके बाद जीआरपी सियालदा वेस्ट बंगाल से गिरफ्तार हुए. पुष्टि के बाद यहां से एक टीम रवाना की गई और वहां कानूनी कार्रवाई करते हुए इनको ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया. आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है.


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