Uttar Pradesh News: यूपी के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में एक दिन में बच्चियों के साथ रेप करने वाले दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास ((Life Imprisonment) के साथ अंतिम सांस तक की सजा दी गई है. इसमें एक आठ साल की मासूम दलित बच्ची के साथ कंधई कोतवाली इलाके में रेप का मामला है तो वहीं दूसरा कुंडा कोतवाली इलाके में सोलह साल की कक्षा 11 की नाबालिग छात्रा को लगातार हवस का शिकार बनाने का मामला है. विशेष न्यायाधीश पॉक्सो पंकज श्रीवास्तव की सख्ती का आलम ये है कि दस दिन में भी सजा सुना रहे हैं. इसके चलते इस तरह का केस देखने वाले वकीलों में भी खलबली मच गई है.


रेप आरोपियों को सजा देने में यूपी पहले नंबर पर
प्रतापगढ़ में पॉक्सो अदालत ताबड़तोड़ अंतिम सांस तक कारावास की सजा देने में जुटी है. पुराने मुकदमों के साथ ही नए मुकदमों में भी अदालत एक्शन में है. इसी तरह के फैसलों के चलते बच्चियों और महिलाओं के साथ रेप के आरोपियों को सजा देने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर जगह बनाने में कामयाब हुआ है. बताया जा रहा है कि विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने राजेश वर्मा निवासी रठवत थाना कंधई को अनुसूचित जाति की नाबालिक के साथ रेप करने के आरोप में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और चालीस हजार रुपया अर्थदंड से दंडित किया. अर्थदंड की राशि पीड़िता को उसके चिकित्सीय और मानसिक आघात की पूर्ति और उसके पुनर्वास के लिए प्रदान की जाएगी. 


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क्या था पहला मामला
वादी मुकदमा ने थाना कंधई में 13 अक्टूबर 2018 को प्रार्थना पत्र दिया था कि उसकी बहन पीड़िता जिसकी उम्र 8 वर्ष है घर पर अकेली थी और मां खेत में गई थी. मौका पाकर गांव के रहने वाले राजेश उसकी बहन पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और अपने घर में मड़ई वाले कमरे में उसके साथ जबरन रेप किया. जब उसे खोजते हुए परिजन आरोपी के घर पहुंचे तो वह मड़ई में रोती हुई मिली, उसके गुप्तांग से खून निकल रहा था, पूछने पर उसने बताया कि राजेश द्वारा उसके साथ गलत काम किया गया है. पीडिता ने बयान में बताया कि, राजेश बिस्किट देने के लिए अपने घर ले गया और उसके साथ जबरन गंदा काम किया. जब खून बहने लगा तो उसने बेहोशी की हालत में छोड़ दिया. इस मामले में राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार पांडेय ने पैरवी की .


क्या था दूसरा मामला
वहीं कुंडा इलाके में सोलह साल की कक्षा 11 में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा को लगातार हवस का शिकार बनाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने संतोष कुमार निवासी वजीरपुर, कोतवाली कुंडा को रेप के आरोप में दोषी पाते हुए 20 वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार रूपए के अर्थदंड से दंडित किया. अर्थदंड की राशि अदा न करने पर दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. पीड़िता को अर्थदंड की राशि उसके चिकित्सा और मानसिक आघात की पूर्ति और पुनर्वास के लिए दिया जाएगा. राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक देवेश चंद्र त्रिपाठी और अशोक त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से पैरवी की. 


बदनाम करने का दिखाता था डर
वादी मुकदमा के अनुसार उसकी नाबालिग पुत्री कक्षा 11 की छात्रा थी. वह 21 मई 2013 को सहेली के साथ शादी के कार्यक्रम में ग्राम वजीरपुर कुंडा गई थी. रास्ते में उसकी साइकिल की चैन फंस गई, इतने में पीछे से संतोष मोटर साइकिल से आया और ठीक करने का बहाना बनाकर उसे बहला-फुसलाकर सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी इज्जत लूट लिया. उसने अपने मोबाइल से उसकी कुछ आपत्तिजनक फोटो भी खींच ली और धमकी दी कि अगर किसी से बताओगी तो तुम्हारी तस्वीर तुम्हारे पूरे परिवार को दिखाकर बदनाम कर दूंगा. इसके बाद से वह मेरी पुत्री पीड़िता को आए दिन रास्ते में रोककर तस्वीर दिखाकर बदनाम करने का डर दिखाकर मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाता था और सुनसान जगह पर उसके साथ गलत संबंध बनाता था. 


कैसे पकड़ा गया 
मेरी पुत्री डर और इज्जत खराब होने के कारण किसी से नहीं बताती थी. 3 अगस्त 2013 को दोपहर में विद्यालय के समय संतोष कुमार ने उसकी पुत्री को मोबाइल पर कहा कि स्कूल के पीछे आ जाओ नहीं तो तुम्हारी फोटो सभी को दिखा दूंगा. मेरी पुत्री वहां गई और उससे काफी मिन्नतें करने लगी कि फोटो हमें वापस कर दो और हमारा पीछा छोड़ दो जिसपर संतोष कुमार नहीं माना और जबरदस्ती उसके साथ गंदी हरकत की. इतने में मेरा पुत्र जो रास्ते से जा रहा था ने देख लिया और संतोष कुमार को पकड़कर उसका मोबाइल छीन लिया. प्रार्थी ने सीओ कुंडा से मिलकर घटना के बाबत का सूचना दी.


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