Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में बेसिक शिक्षा विभाग के संडवा चंद्रिका ब्लाक के कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय अंतू देहात में जलभराव (Waterlogging) का आलम यह है कि कमरों तक  पानी भर गया है और स्कूल पूरी तरह से उफनते तालाब की शक्ल अख्तियार कर चुका है. तालाब बन चुके स्कूल में शिक्षकों तक की भीतर जाने की हिम्मत नहीं है तो बच्चों की क्या बिसात. तिमाही परीक्षा की मुख्यमंत्री घोषणा कर चुके हैं ऐसे में लबालब भरे स्कूल में कैसे पढ़ाई होगी. ऐसे हालात में बच्चों की पढ़ाई भी भगवान भरोसे है. 


जलभराव में तैराकी सीख रहे बच्चे
वहीं अभिभावकों की भी जान अटकी हुई है लेकिन इस तरह का जलभराव बच्चों के लिए खेलने और तैराकी सीखने का जरिया बन गया है. बच्चे दिव्यांग वोटरों के लिए बनाए गए रास्ते की रेलिंग पर चढ़कर कमर तक भरे पानी में कूद रहे हैं और तैराकी का भी लुत्फ उठा रहे हैं. 


डिग्री कॉलेज के प्राचार्य ने क्या कहा
इस विद्यालय के बगल में स्थित डिग्री कालेज के प्राचार्य एसके शुक्ला का आरोप है कि ये विद्यालय हमारे कालेज परिसर में अवैध रूप से बना दिया गया है जबकि इस विद्यालय के लिए दूसरी जगह जमीन आवंटित है. इसके लिए विभाग के अफसरों को कई बार पत्र भी लिखा गया है लेकिन इसपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. 


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प्राचार्य ने कहा, इस विद्यालय में इतना पानी भरा हुआ है कि शिक्षक घर बैठने को मजबूर हो गए हैं तो वहीं यहां पढ़ने वाले बच्चे अब आते ही नहीं. जो बच्चे आते भी हैं वे बस्ता सड़क पर रखकर और जान को जोखिम में डालकर रेलिंग पर चढ़कर पानी में कूदते हैं जिससे बच्चों को चोट लगने का भी खतरा बना रहता है. 


अब बड़ा सवाल यह है कि इस विद्यालय को बनाते समय जमीन अगर नीची थी तो मिट्टी डालकर उसे ऊंचा करके विद्यालय का निर्माण करना चाहिए था ताकि पढ़ाई का कार्य सुचारू रूप से संचालित होता रहता. यह हालत तब हैं जब जिले में मामूली बारिश ही हुई है. अगर सामान्य बारिश होती तो विद्यालय तो छह माह तक तालाब में ही तब्दील रहता.


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