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Pratapgarh: कौन है विकास सिंह? लॉरेंस बिश्नोई के साथ जुड़ रहा नाम, हिस्ट्रीशीटर बनने की पूरी कहानी
UP News: बीते नौ सालों से विकास सिंह (Vikas Singh) जेल में बंद है. अलग-अलग जेलों से होता हुआ इस समय मेरठ जेल में है. विकास पर हत्या, लूट, रंगदारी जैसे कईं मुकदमे दर्ज हैं.
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Pratapgarh News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में बीती 21 फरवरी को आंवला नगरी गोड़े गांव में भारी पुलिस बल के साथ एनआइए भी चर्चित गैंगस्टर विकास सिंह के घर पहुंची, जहां आहट पाकर घरों में सो रहे लोग जाग गए और सहम गए. खिड़कियों से झांक कर देखा तो बाहर भारी भीड़ इधर उधर कुछ खोजने में जुटी थी, इसमें कई खाकीधारी थे जिसमें पुरुष और महिलाओं के साथ ही सादे कपड़ों में भी लोग थे. खाकी वर्दी देख लोग बाहर निकलने की हिम्मत जुटाकर बाहर निकले जिसमें पड़ोस में रहने वाली एक महिला जो रिश्ते में विकास सिंह की चाची अमिता सिंह थीं, अमिता सिंह से पुलिस पूछताछ करके वापस चली गई. विकास सिंह का नाम लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी जुड़ रहा है.
प्रतापगढ़ के गैंगेस्टर विकास सिंह का घर, गांव के पश्चिमी छोर में है और ईंट जोड़कर ऊपर से सीमेंट की चादरें डालकर विकास की मां और छोटा भाई जीवन बशर करता है. इस घर के एक कमरे में एक बिस्तर और कुछ जरूरी सामान है तो दूसरे कमरे में रसोई का सामान है जिसमें सिलेंडर, चूल्हे के साथ कुछ बर्तन और पानी के लिए एक स्टील की बाल्टी के साथ मोबिल का डिब्बा है. इसके अलावा एक बड़ा बक्सा, बांस की चारपाई और अनाज का ड्रम भी है. इसमें एक एक बल्ब के अलावा पेडेस्टल फैन भी है. हालांकि दीवारों पर प्लास्टर तक नहीं है, तो वही बाहर की तरफ लगी टिन शेड में दो चारपाई और तखत भी पड़ा है.
गैंगस्टर विकास बीते 9 सालों से जेल में हैं बंद
बता दें कि बीते नौ वर्षों से विकास जेल में बंद है, जो विभिन्न जेलों से होता हुआ इस समय मेरठ जेल में बंद है. जब विकास की मां लीलावती सिंह और भाई आलोक सिंह अश्वनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल था और गांव के स्कूल से पढ़ाई के बाद इंटर तक की शिक्षा शहर के प्रतिष्ठित कॉलेज केपी इंटर कालेज से हासिल किया, जिसके बाद ग्रेजुएशन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और बीएससी मैथ प्रथम औऔर द्वितीय वर्ष की पढ़ाई की परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक हासिल किए.
घरवालों के मुताबिक विकास पढ़ाई में इतना तेज था कि आर्थिक तंगी आड़े आने लगी तो हाई स्कूल की पढ़ाई के समय से खुद तो कोचिंग की फीस के लिए दूसरे बच्चों को कोचिंग पढ़ाने लगा, उसकी पढ़ाई ही पड़ोसी सम्पन्न पट्टीदारों को अखरने लगी और उसको पहली बार अवैध असलहे रखने के आरोप में पुलिस की मिलीभगत से जेल भिजवा दिया गया. इसके बाद आए दिन उसे कोई न कोई छोटी मोटी घटनाओं में जेल भेजा जाने लगा. साल 2013 में मंत्री मोती सिंह के भतीजे के साथ लूट के मामले में भी साजिशन उसको आरोपी बना दिया गया. तभी से वह जौनपुर, नैनी, कौशाम्बी, फतेहपुर, हमीरपुर, झांसी, उरई, इटावा, आगरा जेल में रहा. बता दें कि विकास के पिता घर गृहस्थी चलाने के लिए मुंबई में रहकर कमाई करते हैं.
विकास सिंह के अपराधों और एनआईए की जांच के बाबत पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल से जानकारी चाही तो उन्होंने एनआईए की कार्रवाई पर बोलने से साफ मना कर दिया, लेकिन विकास सिंह के अपराधों की बाबत बताया कि कुल बीस मुकदमें विकास पर दर्ज हैं जिसमे हत्या, लूट, रंगदारी जैसे मुकदमे भी शामिल हैं. नगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर भी है और इस समय मेरठ जेल में बंद है.
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