लखनऊ. यूपी में पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की कोरोना से मौत का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया है कि पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान 1600 से ज्यादा सरकारी स्कूल कर्मचारियों की मौत हुई है. प्राथमिक शिक्षक संघ ने मृतकों के परिजनों के लिए एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की है. 


शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने इस बाबत सीएम योगी आदित्यनाथ को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने दावा किया है कि पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लगे 1621 सरकारी कर्मचारियों की मौत हुई है. उन्होंने इन सभी 1621 सरकारी स्कूल स्टाफ का नाम, स्कूल, जिला, मोबाइल नंबर और मृत्यु की तारीख का ब्योरा भेजा है. बता दें कि यूपी में 15 अप्रैल से 29 अप्रैल के बीच चार चरणों में पंचायत चुनाव हुए थे. चुनाव का रिजल्ट दो मई को आया था.


लिस्ट के मुताबिक, 1621 कर्मयारियों में 1332 शिक्षक, 209 शिक्षा मित्र, 25 अनुदेशक, 5 बीईओ, 15 क्लर्क और अन्य कर्मचारी शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि 26 अप्रैल तक तीसरे चरण के चुनाव तक प्राथमिक शिक्षा विभाग के 706 कर्मचारियों के कोरोना से मौत हो चुकी थी. मतगणना के दो हफ्ते बाद ये संख्या 1600 के पार जा चुकी थी. उन्होंने दावा किया कि मतदान के दौरान और मतगणना के समय कोविड -19 प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई.


अतिरिक्त मुख्य सचिव (पंचायती राज) मनोज कुमार सिंह ने कहा, "हमने सभी 75 जिलाधिकारियों को चुनाव ड्यूटी में लगे शिक्षकों और चुनाव ड्यूटी के दौरान मारे गए शिक्षकों की रिपोर्ट जमा करने को कहा था. हम सोमवार तक सभी डेटा को एक साथ जोड़ लेंगे. मामला पहले से ही अदालत में है क्योंकि शिक्षक संघ ने अपना प्रतिनिधित्व दिया है."


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