Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के विकास में प्रवासी उत्तराखंडियों की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए 12 जनवरी 2025 को एक भव्य अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन कर रही है. इस एक दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे. इसमें 17 देशों से 50 से अधिक प्रवासी उत्तराखंडियों ने पंजीकरण कराया है. सम्मेलन में निवेश, हॉस्पिटैलिटी, वेलनेस, कौशल विकास, विदेश में रोजगार, उच्च शिक्षा और जड़ी-बूटियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा होगी.


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सम्मेलन की परिकल्पना विदेश दौरे के दौरान की, जब उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से मुलाकात की. सरकार का उद्देश्य विदेशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडियों के ज्ञान और अनुभव का लाभ उठाते हुए राज्य के विकास को गति देना है. मुख्यमंत्री ने कहा, "उत्तराखंड के प्रवासी हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना चुके हैं. उनके अनुभव से राज्य और गांवों का विकास संभव है. सरकार इस दिशा में हर संभव मदद देने को तैयार है."


सम्मेलन को चार मुख्य सत्रों में विभाजित किया गया है:
1. निवेश की संभावनाएं: इसमें उत्तराखंड में उद्योग और पर्यटन से जुड़े निवेश के अवसरों पर विचार किया जाएगा.
2. हॉस्पिटैलिटी और वेलनेस: इस सत्र में प्रदेश को वेलनेस हब के रूप में विकसित करने पर चर्चा होगी.
3. कौशल विकास और रोजगार: युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने और कौशल विकास के लिए रणनीतियां बनाई जाएंगी.
4. उद्यान और जड़ी-बूटी: राज्य में जड़ी-बूटी और औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने पर फोकस रहेगा.


दिसंबर 2023 में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के बाद मुख्यमंत्री ने विदेश यात्रा की थी, जहां प्रवासी उत्तराखंडियों ने उनका भव्य स्वागत किया. इस दौरान कई प्रवासियों ने उत्तराखंड में निवेश और विकास में योगदान देने की इच्छा जताई. इसके बाद सीएम ने प्रवासी उत्तराखंडी सेल का गठन किया और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन का फैसला किया.


विदेशों में सफलता का परचम लहराने वाले प्रवासी होंगे शामिल
इससे पहले, 7 नवंबर 2024 को देहरादून में देश के अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों के साथ ऐसा ही सम्मेलन आयोजित किया गया था. इसने प्रवासी उत्तराखंडियों को अपनी जड़ों से जोड़ने की पहल को मजबूत किया. विदेशों में अपनी सफलता का परचम लहराने वाले कई प्रमुख प्रवासी उत्तराखंडी इस सम्मेलन में भाग लेंगे. इनमें दुबई से प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त गिरीश चंद्र पंत, चीन से देव रतूड़ी, अमेरिका से डॉ. अनीता शर्मा, जापान से भुवन तिवारी, सिंगापुर से सुनील थपलियाल और थाईलैंड से डॉ. एके काला शामिल हैं. ये सभी प्रवासी भारतीय दिवस (भुवनेश्वर) में भी शामिल होंगे.


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रवासी उत्तराखंडियों से आग्रह किया है कि वे अपने अनुभव और संसाधनों से प्रदेश के विकास में योगदान दें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासियों को लगातार अपने राज्यों के विकास में योगदान की प्रेरणा देते रहे हैं. इसी दिशा में यह सम्मेलन महत्वपूर्ण कदम है. कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी के लिए https://pravasiuttarakhandi.uk.gov.in/en/program नामक वेबसाइट शुरू की गई है. प्रवासी उत्तराखंडी इस पर पंजीकरण कर सकते हैं और सम्मेलन की अन्य जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं.


विदेशों में उत्तराखंडियों ने बनाई अपनी पहचान
विदेशों में बसे उत्तराखंडी शिक्षा, विज्ञान, तकनीकी और उद्यमशीलता के क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं. सरकार चाहती है कि इन प्रवासियों का अनुभव राज्य के विकास में उपयोग हो. मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रवासी उत्तराखंडियों का ज्ञान और संसाधन प्रदेश के लिए बहुमूल्य हैं. हम उनकी हर संभव मदद करेंगे." उत्तराखंड सरकार को उम्मीद है कि यह सम्मेलन राज्य में निवेश और विकास को एक नई दिशा देगा. प्रवासी उत्तराखंडियों की भागीदारी से राज्य के पर्यटन, शिक्षा, रोजगार और कृषि क्षेत्रों को मजबूत किया जा सकेगा.


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