Ramlala Pran Pratishtha: 'राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व वालों को मिले भारत रत्न..', प्रवीण तोगड़िया ने की मांग, कही ये बात
Ramlala Pran Pratishtha: प्रवीण तोगड़िया ने कहा आज जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो उन लोगों को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया.
Ram Mandir Inauguration: राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ० प्रवीण तोगड़िया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गोरक्ष पीठाधीश्वर पूजनीय महंत अवैद्यनाथ, अयोध्या के पूजनीय महंत रामचंद्र परमहंस को भारत रत्न देने की मांग की. उन्होंने कहा, राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करते हुए इनका शरीर शांत हो गया.
प्रवीण तोगड़िया ने कहा आज जब राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो उन लोगों को भी भारत रत्न दिया जाना चाहिए जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व किया. तोगड़िया ने गोरक्ष पीठाधीश्वर पूजनीय महंत अवैद्यनाथ, अयोध्या के पूजनीय महंत रामचंद्र परमहंस के साथ विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया, आचार्य धर्मेन्द्र, स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे और स्वर्गीय कल्याण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग की है.
हिन्दू परिषद के अध्यक्ष ने कहा, राम मंदिर देखे बिना, राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष करते हुए इन लोगों का शरीर शांत हुआ है. मंदिर का निर्माण इन लोगों के संघर्षों और त्याग की वजह से ही हो सका है. इसलिए इन्हें भारतरत्न के सम्मान से नवाज कर ही इनके संघर्षों को उचित सम्मान दिया जा सकता है.
राम मंदिर को बताया कई पीढ़ियों का संघर्ष
डॉ प्रवीण तोगड़िया ने कहा, यह 25 पीढ़ियों के संघर्ष और मौजूदा पीढ़ी के 40 वर्षों के संघर्ष का परिणाम है. जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, यह सिर्फ एक मंदिर नहीं बल्कि हिंदुओं के विजय का स्मारक है. पिछले 40 वर्षों में 12 बार देश के गांवों में जन जागरण किया गया है. चार बार कार सेवा भी की गई. मंदिर निर्माण को लेकर कार सेवक एक करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं के घरों में गए थे. इनके यहां से आठ करोड़ 40 लाख रुपया इकठ्ठा हुआ था. हर घर से चंदा इसलिए लिया गया था ताकि इसमें सब की सहभागिता हो.
प्राण प्रतिष्ठा के न्योते पर कही ये बात
अयोध्या में भव्य राम मंदिर के लोकार्पण और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बुलाए जाने के सवाल पर प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि, मुझे निमंत्रण मिला है, लेकिन अगर मुझे निमंत्रण नहीं मिलता तब भी मैं उतना ही आनंदित होता क्योंकि, जो मंदिर के लिए आमंत्रण मांगता है वह भक्त नहीं रावण है. अगर मुझे निमंत्रण नहीं मिलता तो मैं 22 की जगह 23 तारीख को दर्शन करने जरूर जाता.
शंकराचार्य की आपत्ति पर क्या बोले तोगड़िया
22 जनवरी के मुहूर्त को लेकर शंकराचार्य द्वारा की गई आपत्ति के सवाल पर तोगड़िया ने कहा, उन्हें शंकराचार्य की किसी भी बात पर प्रतिक्रिया देने का ना कोई अधिकार, ना ही योग्यता है और ना ही शास्त्रों का ज्ञान है. संजय राऊत के मंदिर का गर्भगृह सही स्थान पर नहीं होने के बयान पर उन्होंने कहा कि अपने लोगों पर अविश्वास का कोई सवाल नहीं पैदा होता है. क्योंकि जो लोग मंदिर का निर्माण कर रहे हैं, उन्होंने सही जगह पर ही मंदिर का निर्माण किया होगा ऐसा मुझे पूरा विश्वास है.
प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि वह 24 जनवरी को कार्यक्रम आयोजित कर राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वालों का अपनी तरफ से सम्मान करेंगे.