प्रयागराज. यूपी के माध्यमिक विद्यालयों से जुड़े जिन नौ टीचर्स को इस बार राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है, उनमे प्रयागराज के आशीष श्रीवास्तव भी शामिल हैं. आशीष श्रीवास्तव प्रयागराज के एंग्लो बंगाली इंटर कालेज में गणित के टीचर हैं. आशीष की खासियत यह है कि वह स्टूडेंट्स को इतने साधारण अंदाज़ में गणित पढ़ाते हैं कि बोरिंग और बेहद मुश्किल लगने वाले इस विषय में भी उनका मन लगने लगता है और मैथमेटिक्स की पेचीदगियां उन्हें बेहद आसान लगने लगती हैं.
सोशल मीडिया के जरिये भी पढ़ाते हैं
आशीष ने अपने कालेज में जिले की पहली स्मार्ट क्लास की शुरुआत की, जिसमे उनके कालेज के साथ ही दूसरी जगहों के स्टूडेटंस को भी पढ़ाई करने की छूट थी. उन्होंने यूपी बोर्ड के स्टूडेंट्स के मन में बैठी उस हीन भावना को भी दूर कर उनमे आत्म विश्वास पैदा किया, जिसके चलते वह खुद को सीबीएसई व दूसरे बोर्ड के बच्चों से कमज़ोर समझते हैं. कोरोना और लॉकडाउन के मुश्किल वक्त में वह लगातार न सिर्फ ऑनलाइन क्लास चला रहे हैं, बल्कि स्टूडेंट्स की मदद के लिए वह फेसबुक - यू ट्यूब और व्हाट्सएप्प पर ग्रुप भी चला रहे हैं.
टीचर के बजाय दोस्त बनकर पढ़ाते हैं
आशीष श्रीवास्तव जिस एंग्लो बंगाली कालेज में पढ़ाते हैं, वहां ज़्यादातर गरीब व साधारण परिवार के ऐसे बच्चे पढ़ते हैं, जिन्हें शिक्षा का बेहतर माहौल नहीं मिलता और साथ ही आर्थिक वजहों से वह कोचिंग वगैरह भी नहीं कर पाते. इसके बावजूद यह आशीष की मेहनत का ही नतीजा है कि इस साल कालेज में उनके द्वारा पढ़ाए गए तीन बच्चों का सेलेक्शन आईआईटी में हुआ है. इसके साथ ही कई अन्य स्टूडेटंस को दूसरी जगहों पर भी कामयाबी मिली है. आशीष के बारे में कहा जाता है कि वह अपनी क्लास ख़त्म होने के बाद अलग से भी बच्चों को पढ़ाते हैं. उनकी समस्याओं को दूर करते हैं और उनसे टीचर के बजाय दोस्त बनकर व्यवहार रखते हैं. यही वजह है कि स्टूडेटंस उनसे अपनी हर समस्या के बारे में डिस्कस करते हैं. उन्होंने कुछ संस्थाओं की मदद से अपने स्टूडेंट्स के बीच कम्प्टीशन कराए हैं. उन्हें इनाम देते रहते हैं. उनकी हौसला अफजाई करते हैं.
सभी करते हैं तारीफ
वह बच्चों के बीच युवा संसद का आयोजन कराते हैं ताकि बच्चे खुलकर बोलना सीख जाएं और कहीं भी किसी भी प्लेटफार्म पर खुलकर अपनी बात रखने में न हिचकें. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए नामित होने के बाद उनकी ज़िम्मेदारियां और बढ़ गईं हैं. उन्हें अपने स्टूडेटंस को न सिर्फ और बेहतर तरीके से पढ़ाना होगा, बल्कि अपना दायरा भी बढ़ाना होगा. एंग्लो बंगाली इंटर कालेज के प्रिंसिपल स्वास्तिक बोस भी उनकी प्रतिभा के कायल हैं. उनका कहना है कि आशीष श्रीवास्तव जितनी मेहनत व लगन से अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हैं, उतना दूसरे टीचर्स में कम ही देखने को मिलता है. कालेज के टीचर रवींद्र मिश्र के मुताबिक़ आशीष श्रीवास्तव ने कालेज में कभी ड्यूटी करने की रस्म अदायगी नहीं की, बल्कि वह सही मायनों में शिक्षा की अलख जगाने वाले टीचर हैं. आशीष श्रीवास्तव के स्टूडेंट्स भी उनकी तारीफ़ करते नहीं थकते हैं.
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