प्रयागराज. योगी सरकार इन दिनों माफियाओं व बाहुबलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन नेस्तनाबूत' चला रही है. इस अभियान का सबसे ज्यादा असर प्रयागराज में देखने को मिल रहा है. अभी तक यहां पूर्व सांसद अतीक अहमद और छोटा राजन गिरोह के शार्प शूटर कहे जाने वाले बीएसपी पार्षद बच्चा पासी के साथ ही पांच माफियाओं की पांच सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें जमींदोज किया जा चुका है. अब सरकार की नजर भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा की संपत्ति पर है. विकास प्राधिकरण और दूसरे विभागों की साझा टीमों ने प्रयागराज में विधायक विजय मिश्रा की दो संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर उन्हें ध्वस्त करने की तैयारी कर ली है.


प्रयागराज में ध्वस्त होंगी विजय मिश्रा की दो संपत्तियां
विजय मिश्रा की ये दोनों संपत्तियां प्रयागराज शहर के अल्लापुर इलाके में है. विजय की पहली प्रॉपर्टी अल्लापुर कब्रिस्तान के ठीक सामने मेन रोड पर है. तीन मंजिला इस आलीशान मकान की कीमत 30-35 करोड़ रुपये है. हालांकि पिछले कई सालों से यह मकान सील है और पहले से ही प्रशासन के कब्जे में है.


विजय मिश्रा की दूसरी संपत्ति अल्लापुर इलाके में ही पुलिस चौकी तिराहे पर है. यह एक शॉपिंग काम्प्लेक्स है. पांच मंजिला इस काम्प्लेक्स का नाम विजय टावर है. बेसमेंट समेत ऊपर के दो फ्लोर में इसमें तकरीबन दो दर्जन दुकानें हैं, जबकि ऊपर की दो मंजिलों में कई फ्लैट हैं. इसकी कीमत करीब 35-40 करोड़ रुपये है.


विकास प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं कराने का आरोप
अधिकारियों ने बताया कि विजय मिश्रा की इन दो इमारतों का पूरा नक्शा विकास प्राधिकरण से पास नहीं कराया गया है. दोनों का जितना नक्शा पास है, निर्माण उससे कहीं ज्यादा किया गया है. विकास प्राधिकरण ने दोनों इमारतों को अवैध निर्माण घोषित कर उसके ध्वस्तीकरण का आदेश पारित कर लिया है.


इसी हफ्ते हो सकती है कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, विधायक विजय मिश्रा की इन दोनों इमारतों पर इसी शनिवार या रविवार पर बुलडोजर चल सकता है. इससे बाहुबली को 70 से 75 करोड़ रुपये की चपत लग सकती है. बतादें कि विजय मिश्रा इन दिनों चित्रकूट जेल में बंद हैं. परिवार के कुछ सदस्य फरार हैं तो कुछ अग्रिम जमानत पर हैं.


चार बार से विधायक है विजय मिश्रा
गौरतलब है कि भदोही की ज्ञानपुर से विजय मिश्रा चार बार से विधायक है. पहले तीन चुनावों में वह समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीतता रहा है. विजय मिश्रा के खिलाफ गंभीर धाराओं में कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं. इनमें सबसे प्रमुख साल 2010 में तत्कालीन मायावती सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर रिमोट बम से हमला कराए जाने की साजिश रचने का मामला है. ज्यादातर मुकदमों में वह बरी हो चुका है.


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