Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने दहेज हत्या से जुड़े मामले को तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने दहेज हत्या मामलों को लेकर यूपी डीजीपी (UP DGP) को आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने दहेज हत्या से जुड़े मामलों में जांच अधिकारियो से व्यापक और हर एंगल पर जांच किए जाने का निर्देश जारी किए जाने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि विवाहित महिलाओं की 7 साल के अंदर होने वाली अप्राकृतिक मौतों के मामलों में गहराई से जांच होनी चाहिए. हाईकोर्ट ने आदेश की कॉपी सभी जिला जजों को भेजने को कहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्टन ने शनिवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि है कि, जांच अधिकारी को अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट करना चाहिए कि मामला हत्या का है, दहेज हत्या का है या फिर ससुराल वालों द्वारा उकसाने की वजह से खुदकुशी का है. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा हत्या की धारा 302 को नियमित और यांत्रिक तौर पर जोड़े जाने पर भी आपत्ति जताई है. कोर्ट ने कहा है कि ट्रायल कोर्ट के जजेज को भी उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर पूरी तरह संतुष्ट हो जाने के बाद ही हत्या की धारा 302 के तहत आरोप तय किया जाना चाहिए.
सभी जिला जजों को आदेश की कॉपी भेजने को कहा?
अदालत ने आगे कहा कि, हत्या के सामान्य मामलों में दहेज हत्या के तहत आरोप नहीं तय होना चाहिए. हाईकोर्ट ने इस आदेश की कॉपी यूपी के डीजीपी और सभी जिला जजों को भेजे जाने का भी आदेश दिया है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और जस्टिस मोहम्मद अजहर हुसैन इदरीसी की डिवीजन बेंच ने ये आदेश जारी किया है. ललितपुर जिले के राममिलन बुनकर व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है.
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