UP News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) ने आजमगढ़ (Azamgarh) जिले में गैंगस्टर कानून के तहत दर्ज एक मामले में पूर्व सांसद उमाकांत यादव (Umakant Yadav) को जमानत दे दी है. उमाकांत यादव के वकील ने दलील दी कि इस मामले में यादव को झूठा फंसाया गया है और एक आपराधिक मामले में याचिकाकर्ता को जमानत मिल चुकी है. यादव किसी आपराधिक गिरोह के सदस्य नहीं हैं.
वकील ने और क्या कहा
याचिकाकर्ता के आपराधिक इतिहास पर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा कि यादव के खिलाफ सभी आपराधिक मामले 2009 से पहले के हैं. इसके बाद से वह शांतिपूर्ण ढंग से जीवन व्यतीत कर रहे हैं और कानून का पालन करने वाले नागरिक रहे हैं. उनकी आयु 68 वर्ष है और वह आयु से जुड़ी विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं.
अदालत ने क्या कहा
जस्टिस अजय भनोट ने याचिकाकर्ता के वकील और सरकारी वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा, “मुझे याचिकाकर्ता के वकील की दलील में दम नजर आता है और याचिकाकर्ता जमानत पर रिहा किए जाने का पात्र है.”
अदलत ने और क्या कहा
अदालत ने गत 12 अप्रैल को जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, “पूर्व की चर्चा के दृष्टिगत और इस मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बगैर जमानत की अर्जी मंजूर की जाती है. याचिकाकर्ता उमाकांत यादव को उपरोक्त मामले में जमानत पर रिहा किया जाए.”
किस मामले में दर्ज है प्राथमिकी
बता दें कि उमाकांत यादव के खिलाफ आजमगढ़ जिले के दीदारगंज पुलिस थाना में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर एवं समाज विरोधी गतिविधियां (निरोधक) कानून, 1986 की धारा 3 (1) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यादव 12 फरवरी, 2021 से जेल में हैं, क्योंकि उनकी जमानत अर्जी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर कानून), आजमगढ़ द्वारा 15 जून, 2021 को खारिज कर दी गई थी.
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