Prayagraj News: छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के बाद संगम नगरी प्रयागराज में भी धर्म संसद आयोजित हुई. माघ मेले में आज धर्म संसद का आयोजन किया गया. प्रयागराज की धर्म संसद में भी विवादित बयान दिया गया. धर्म संसद के आयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने भड़काऊ बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी को जेल से रिहा नहीं किया गया तो खतरनाक अंजाम भुगतने होंगे. एक हफ्ते में दोनों को जेल से रिहा ना होने पर उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा. जिसके भयानक परिणाम भुगतने के लिए सरकार तैयार रहे. इन दोनों को जेल से छुड़ाने के लिए उसी तरह से उग्र आंदोलन होगा जैसा देश को आजाद कराने के लिए शहीद भगत सिंह ने असेंबली कांड किया था.


तीन प्रस्ताव पारित किए गए
प्रयागराज में हुई धर्म संसद में यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी को धर्म योद्धा बताया गया. हरिद्वार में धर्म संसद कराने वाली संस्थाओं और संतों ने ही माघ मेले में भी धर्म संसद का आयोजन किया. इस धर्म संसद में तीन प्रस्ताव  पारित किए गए. पहले प्रस्ताव में धर्म संसद में मौजूद संतो ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किया. साथ ही प्रधानमंत्री और देश की संसद को धर्मादेश जारी कर संवैधानिक तौर पर भी देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का फरमान सुनाया. दूसरे प्रस्ताव में धर्मांतरण के मामलों को पूरी तरह से रोकने के लिए कानून को और सख्त किए जाने की मांग की गई और धर्मांतरण कराने वालों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई.


नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया
तीसरे प्रस्ताव में हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने वाले स्वामी यति नरसिंहानंद और जितेंद्र त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को बिना शर्त जेल से एक हफ्ते में रिहा किए जाने की मांग की गई. धर्म संसद संचालन समिति के संयोजक स्वामी आनंद स्वरूप ने कार्यक्रम के बाद मीडिया को प्रस्तावों व फैसलों की जानकारी दी. हालांकि इस धर्म संसद से माघ मेले में मौजूद ज्यादातर बड़े संतों ने दूरी बनाए रखी. प्रयागराज में प्रशासन के दबाव के बाद धर्म संसद का नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया था क्योंकि प्रशासन धर्म संसद होने की इजाजत नहीं दे रहा था. इसके बाद इसका नाम बदलकर संत सम्मेलन किया गया. वहीं कार्यक्रम के आयोजक आनंद स्वरूप ने दावा किया कि संत सम्मेलन के नाम से सिर्फ बैनर लगाया गया था जबकि हकीकत में यह धर्म संसद ही थी.


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