Atala Violence Case: अटाला हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद पंप को जमानत, 21 महीने बाद जेल से आएगा बाहर
Prayagraj-Atala Violence: प्रयागराज के अटाला इलाके में 2022 में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद पंप को कोर्ट की तरफ से राहत मिली है. जावेद पंप को यह जमानत गैंगस्टर मामले में मिली हुई है.
Prayagraj-Atala Violence Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद संगम नगरी प्रयागराज के अटाला इलाके में 10 जून 2022 को हुई जबरदस्त हिंसा के मास्टरमाइंड करार दिए गए जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप की जमानत मंजूर कर ली है. जावेद पंप को यह जमानत गैंगस्टर मामले में मिली हुई है. इस मामले में जमानत मिलने के बाद जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि बाकी सभी मामलों में पहले ही जमानत मिल चुकी है. जावेद पंप 21 महीने के बाद अब जेल से बाहर आ सकेगा.
यह आदेश जस्टिस विक्रम डी चौहान की सिंगल बेंच ने आरोपी जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप की जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है. देवरिया जेल में बंद जावेद पंप की ओर से जमानत के समर्थन में कहा गया कि दो सह अभियुक्तों आतिफ अहमद और इलियास की हाईकोर्ट से जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है, इसलिए उसे भी समानता के आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए. वह पिछले 21 महीने से जेल में बंद हैं.
जावेद पंप की तरफ से क्या दी गई दलील?
जावेद पंप की तरफ से यह भी दलील दी गई कि तीन आपराधिक मामलों के गैंग चार्ट के आधार पर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. सभी मुकदमों में वह जमानत पर है. तथ्यों के आधार पर उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लागू नहीं होता. उस पर लगे आरोप निराधार सामान्य प्रकृति के हैं और बलवा में भी उसकी भूमिका स्पष्ट नहीं है.
यूपी सरकार ने किया जमानत अर्जी का विरोध
दूसरी तरफ यूपी सरकार ने उसकी जमानत अर्जी का विरोध किया. सरकार की तरफ से कहा गया कि गैंग चार्ट में दर्ज तीन केस के अलावा भी जावेद पंप का आपराधिक इतिहास है, लेकिन अन्य केसों को गैंग चार्ट में शामिल न करने की वजह कोर्ट में नहीं बताई जा सकी. सरकारी वकीलों ने जमानत का विरोध तो किया लेकिन समानता के तर्क को भी माना. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप की दलीलों को मानते हुए उसे शर्तों के साथ जमानत दे दी और जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया.
अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जावेद पंप को जिन मामलों में जमानत मिली है, उनमें सरकार की तरफ से अपील भी दाखिल नहीं की गई है, ऐसे में वह जमानत पाने का हकदार है. गौरतलब है कि 10 जून 2022 को हुई हिंसा के कुछ घंटे बाद ही जावेद पंप के आलीशान मकान को नक्शा मंजूर नहीं होने के आधार पर सरकारी अमले ने बुलडोजरों से जमींदोज कर दिया था.
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